भारतीय रेलवे ने बढ़ाए भाड़े! 1 जुलाई से लंबी दूरी के यात्री किरायों में होगा बदलाव
दिल्ली। भारतीय रेलवे के लंबी दूरी के यात्री किरायों में एक जुलाई से वृद्धि की गयी है। बड़े शहरों की उपनगरीय तथा मासिक या त्रैमासिक सीज़न टिकट की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। रेल मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे ने एक जुलाई से मेल-एक्सप्रेस गाड़ियों के अनारक्षित द्वितीय श्रेणी, स्लीपर श्रेणी एवं गैर वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के किराये में एक पैसा प्रति किलोमीटर तथा सभी प्रकार की वातानुकूलित श्रेणियों में दो पैसे प्रति किलोमीटर की एक समान वृद्धि की है। 500 किलोमीटर तक की दूरी की यात्रा में कोई वृद्धि नहीं सूत्रों के अनुसार...
भारतीय रेलवे ने बढ़ाए भाड़े! 1 जुलाई से लंबी दूरी के यात्री किरायों में होगा बदलाव
दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अपने लंबी दूरी के यात्री किरायों में 1 जुलाई से बदलाव की घोषणा की है। इस नए निर्णय से यात्रियों को अपने बजट का पुनः आकलन करने की आवश्यकता हो सकती है। खास बात यह है कि बड़े शहरों की उपनगरीय और मासिक या त्रैमासिक सीज़न टिकट की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। रेल मंत्रालय की हालिया जानकारी के अनुसार, मेल-एक्सप्रेस गाड़ियों के अनारक्षित द्वितीय श्रेणी, स्लीपर श्रेणी एवं गैर वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के किराए में 1 पैसा प्रति किलोमीटर तथा सभी प्रकार की वातानुकूलित श्रेणियों में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari
यात्रियों पर कैसे पड़ेगा असर?
कम शब्दों में कहें तो, इस सुधार के चलते यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए अधिक पैसे खर्च करने होंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि 500 किलोमीटर तक की यात्रा में कोई वृद्धि नहीं की गई है, लेकिन 501 से 1500 किलोमीटर तक की यात्रा में किराया 5 रुपये, 1501 से 2500 किलोमीटर के लिए 10 रुपये और 2501 से 3000 किलोमीटर के लिए 15 रुपये बढ़ा दिया गया है। यह वृद्धि यात्रियों की सुविधाओं में सुधार लाने का एक प्रयास है, लेकिन बजट पर ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी।
किस तरह की टिकटों पर होगी वृद्धि?
रेल मंत्रालय के अनुसार, साधारण पैसेंजर श्रेणी की ट्रेनों में अनारक्षित श्रेणी के टिकट की दरों में 500 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए कोई वृद्धि नहीं की गई है। वाणिज्यिक परिपत्र के मुताबिक, 501 से 3000 किलोमीटर तक यात्रा करने वाले यात्रियों को इस वृद्धि का सामना करना पड़ेगा। सभी प्रकार की वातानुकूलित श्रेणियों में यह वृद्धि समान रूप से लागू होगी, जिससे यात्री लंबी यात्रा के दौरान बेहतर अनुभव कर सकें।
सीज़न टिकट पर कोई असर नहीं
उपनगरीय और मासिक या त्रैमासिक सीज़न टिकट की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। यह उन यात्रियों के लिए राहत की बात है जो नियमित यात्रा करते हैं। इसके अलावा, तेजस, राजधानी और शताब्दी जैसी प्रमुख ट्रेनों के मूल किरायों में भी नई दरें लागू होने की जानकारी दी गई है।
पूर्ववर्ती दरों की तुलना
यह उल्लेखनीय है कि रेलवे के यात्री किरायों में पिछली वृद्धि वर्ष 2014 में हुई थी, जब सभी श्रेणियों में 14.2 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। तब से, भारतीय रेलवे ने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सेवा प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
किराये में पिछले साल की तुलना
वर्ष 2019 में भी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के यात्री किरायों में बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन उस बार यह बढ़ोतरी केवल 1 पैसे प्रति किलोमीटर थी। इस नई वृद्धि के द्वारा, पहली बार पिछले वर्षों की तुलना में यात्रियों को अधिक बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा। इसे देखने के लिए यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं को पहले से तैयार करना पड़ेगा।
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इस बढ़ोतरी के संदर्भ में लोगों की प्रतिक्रियाएँ आनी शुरू हो गई हैं। कुछ यात्रियों ने इसे सही ठहराया है, क्योंकि इस प्रकार की वृद्धि से रेलवे की सेवा और सुविधाओं में सुधार हो सकता है। इसीलिए, यात्रियों को इस सुधार का स्वागत करते हुए अपने बजट में परिवर्तन करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
अंततः इस बढ़ोत्तरी को स्थायी रूप से समझने की आवश्यकता है। यदि रेलवे सेवाओं में सुधार होता है, तो यात्रियों के लिए यह एक सकारात्मक बदलाव हो सकता है।
टीम नेटानागरी द्वारा लिखा गया।
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