भारत 2050 तक 25,000 अरब डॉलर की महाशक्ति बनेगा, गौतम अदाणी का युवाओं से आह्वान

लखनऊ: अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी ने युवाओं को रूढ़िगत सोच से बाहर निकलने और नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भविष्य उन लोगों का है जो जोखिम उठाकर संभावनाओं को साकार करते हैं, न कि उन लोगों का जो सुरक्षित रास्ते चुनते हैं। गुरुवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) लखनऊ में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि 2050 तक भारत 25 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था वाली एक वैश्विक महाशक्ति बन जाएगा, जो विश्व का केंद्र बिंदु होगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एल्गोरिदम आधारित निर्णय और वैश्विक अनिश्चितताओं के दौर...

Aug 8, 2025 - 09:37
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भारत 2050 तक 25,000 अरब डॉलर की महाशक्ति बनेगा, गौतम अदाणी का युवाओं से आह्वान
भारत 2050 तक 25,000 अरब डॉलर की महाशक्ति बन जाएगा, बोले गौतम अदाणी- युवाओं को निभाना होगा अहम रोल

भारत 2050 तक 25,000 अरब डॉलर की महाशक्ति बनेगा, गौतम अदाणी का युवाओं से आह्वान

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लखनऊ: अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी ने हाल ही में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) लखनऊ में छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत 2050 तक 25,000 अरब डॉलर की वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। इस यात्रा में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, और उन्हें नवीनता तथा जोखिम उठाने का साहस दिखाना होगा।

युवाओं की रचनात्मकता का महत्व

अदाणी ने युवाओं को प्रोत्साहित किया कि वे पारंपरिक सोच से बाहर निकलें और नवाचार के लिए तत्पर रहें। उनके अनुसार, भविष्य उनके हाथों में है जो नए रास्तों का चयन करके और जोखिम लेकर संभावनाओं को साकार करने का साहस रखते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपनी क्षमताओं को पहचानें और सिर्फ शैक्षणिक ज्ञान तक सीमित न रहें।

भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य

गौतम अदाणी ने भारत की अर्थव्यवस्था को चार मुख्य स्तंभों पर आधारित बताया: जनसंख्या, मांग, डिजिटल ढांचा, और घरेलू पूंजी। इन सभी तत्वों का समुचित उपयोग भारत को एक मजबूत वैश्विक खिलाड़ियों में बदलने में मदद करेगा।

जनसंख्यात्मक पॉटेंशियल

उन्होंने कहा कि भारत की युवा और ऊर्जावान जनसंख्या ही इसे आगे बढ़ाने का सबसे बड़ा सूत्र है। ये युवा एक अरब सपनों को सच करने के लिए तैयार हैं, जो देश के समग्र विकास में सहायक होगा।

बढ़ती मांग का योगदान

अदाणी ने बढ़ती मांग को लेकर भी अपनी बात रखी, यह कहते हुए कि भारत 2030 तक एक प्रमुख वैश्विक मार्केट बन सकता है। भविष्य में उपभोग की शक्ति भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना सकती है।

डिजिटल ढांचे की भूमिका

अदाणी ने डिजिटल भारत के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आधार, यूपीआई और ओएनडीसी जैसे प्लेटफॉर्म नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए बहुमूल्य हैं। ये आधुनिक तकनीकें समावेशिता और विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही हैं।

घरेलू पूंजी के अवसर

उन्होंने घरेलू पूंजी के महत्व की चर्चा की और कहा कि भारतीय निवेश अब नवोदित विचारों को समर्थन देने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह न केवल विकास की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि नई संभावनाओं की तलाश भी है।

भारतीय संस्कारों का संरक्षण

अदाणी ने छात्रों को अपने सांस्कृतिक और सभ्यतागत मूल्यों को बनाए रखने की सलाह भी दी। उन्हें याद दिलाया गया कि यही मूल्य उन्हें खास बनाते हैं।

कुल मिलाकर, यह युवाओं की जिम्मेदारी है कि वे भविष्य में अपनी भूमिका को समझें और सक्रियता से अपने विचारों को प्रस्तुत करें। इसकी नौक पर भारत की विकास यात्रा निर्भर करती है।

अदाणी ने एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कहा कि यह समय युवाओं का है, और उन्हें साहस, कल्पनाशीलता, और दृढ़ विश्वास के साथ आगे आना चाहिए।

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संपादकीय: यह नीति और सामाजिक विकास के बीच का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। भारत में नवाचार, शिक्षा, और सांस्कृतिक विरासत का समन्वय सुनिश्चित करके ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

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सर्वश्रेष्ठ पत्रकारिता के मानकों को ध्यान में रखते हुए, टीम नेटaa नगरी द्वारा प्रस्तुत इस समाचार को पढ़ने के लिए धन्यवाद।

सादर, स्नेहा शर्मा, टीम Netaa Nagari

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