बाराबंकी : स्कूल खुलने के पहले दिन 12 साल के छात्र की असामयिक मौत, परिवार में छाया मातम
बाराबंकी, अमृत विचार : गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने की खुशी लेकर पहुंचा सातवीं कक्षा का छात्र अखिल प्रताप सिंह (12) अचानक इस दुनिया को अलविदा कह गया। मंगलवार सुबह जब शहर के सेंट एंथोनी स्कूल, बाराबंकी में बच्चे नए सत्र की शुरुआत के लिए पहुंचे, तभी स्कूल गेट के पास एक दिल दहला देने वाली घटना घट गई। देवा कोतवाली क्षेत्र के घेरी बिशुनपुर गांव निवासी जितेंद्र प्रताप सिंह का बेटा अखिल, अपने पिता के साथ कार से स्कूल पहुंचा था। गाड़ी से उतरकर जैसे ही उसने कंधे पर बैग टांगा और स्कूल गेट की ओर बढ़ा,...
बाराबंकी : स्कूल खुलने के पहले दिन 12 साल के छात्र की असामयिक मौत, परिवार में छाया मातम
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari
बाराबंकी, अमृत विचार। गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने का उत्साह लेकर पहुंचे सातवीं कक्षा के छात्र अखिल प्रताप सिंह (12) अचानक इस दुनिया को छोड़कर चले गए। मंगलवार सुबह, जब शहर के सेंट एंथोनी स्कूल, बाराबंकी में नए सत्र की शुरुआत के लिए बच्चे पहुंचे, तो एक दिल दहला देने वाली घटना घटी।
घटना का संक्षिप्त विवरण
घेरी बिशुनपुर गांव के निवासी जितेंद्र प्रताप सिंह का बेटा अखिल, अपने पिता के साथ कार में स्कूल पहुंचा। जैसे ही वह गाड़ी से बाहर निकला और स्कूल के गेट की ओर बढ़ा, वह अचानक गिर पड़ा। जिसे देख अन्य शिक्षकों और अभिभावकों में हड़कंप मच गया। तत्क्षण एंबुलेंस को बुलाया गया और अखिल को पास के अवध चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां उसकी गंभीर स्थिति को देखकर उसे लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल में पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार में फैली निराशा
अचानक हुई इस मौत से परिवार में शोक का माहौल है। माँ की आँखों में आसूं हैं, जो बार-बार कह रही हैं कि उनका बेटा पूरी तरह से स्वस्थ था। पिता ने जानकारी दी कि अखिल को कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी और वह किसी भी दवा का सेवन नहीं कर रहा था। बच्चे की अचानक और असामयिक मृत्यु ने न केवल परिवार को, बल्कि स्कूल प्रशासन और स्टाफ को भी चौंका दिया है। स्कूल में शोक की लहर छाई हुई है।
डॉक्टरों की राय
इस दुखद घटना के बाद, डॉक्टरों ने कहा कि यह एक साइलेंट अटैक का मामला हो सकता है, जिसमें व्यक्ति बिना किसी चेतावनी के बेहोश हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों में अचानक स्वास्थ्य समस्याएं कभी-कभी गंभीर हो सकती हैं। ऐसे मामलों में अधिक जागरूकता की आवश्यकता है।
परिवार का अंतिम संस्कार
परिवार ने इस नृशंस घटना के बाद, बिना पोस्टमार्टम कराए ही दोपहर में अखिल का अंतिम संस्कार किया। इस निर्णय का कारण परिवार ने महसूस किया कि समय की तात्कालिकता को देखते हुए ऐसा करना उचित था। मृतक छात्र के परिजनों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि ऐसी घटनाओं की गहन जांच की जाए, ताकि भविष्य में अन्य परिवार इस तरह के सदमे का सामना न करें।
समुदाय पर प्रभाव
बाराबंकी में घटी यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए शोक और चिंता का कारण बनी है। यह एक महत्वपूर्ण समय है जब हमें बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ऐसी त्रासदियों से सीख लेते हुए हमें सभी परिवारों को संभलकर रहने की आवश्यकता है।
आखिर में, हम प्रशासन से यह अपील करते हैं कि वो इस प्रकार की घटनाओं की जांच करें और सभी समुदायों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाएं।
ताजा अपडेट और अन्य जानकारियों के लिए, यहाँ क्लिक करें: Netaa Nagari.
Keywords:
barabanki news, student death, sudden attack, childhood health issues, school incident, family tragedy, health awareness, silent attack, school reopeningWhat's Your Reaction?






