केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान: सपा का काम उसे समाप्तवादी पार्टी में बदल रहा है
कानपुर, अमृत विचार। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और संविधान लोकतंत्र का रक्षक। संविधान लोकतांत्रिक मूल्यों, मौलिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता की आधारशिला है, लेकिन 25 जून 1975 से 31 मार्च 1977 तक देश में सत्ताधारी नेताओं द्वारा इन सभी मूल्यों का गला घोटा गया। संवैधानिक शब्दावली में इस कालखंड को आपातकाल कहा गया। आपातकाल में इंदिरा गांधी ने न्यायपालिका, जो लोकतंत्र की रक्षा की अंतिम संस्था है, उसको भी झुकने पर मजबूर कर दिया था। आज सपा के मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस की गोद में बैठे हैं, सपा अब पहले जैसी समाजवादी पार्टी नहीं है। यह बातें...
केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान: सपा का काम उसे समाप्तवादी पार्टी में बदल रहा है
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही में कानपुर में एक मॉक पार्लियामेंट के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि सपा का कार्य इसी तरह जारी रहा, तो यह निश्चित रूप से समाप्तवादी पार्टी बन जाएगी।
कानपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में मौर्य ने भारतीय लोकतंत्र और संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब हम लोकतंत्र की बात करते हैं, तो यह आवश्यक है कि सभी दल इसे सही तरीके से बनाए रखें। उन्होंने दलील दी कि सपा अब पहले जैसी समाजवादी पार्टी नहीं रह गई है और इसके मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस की गोद में बैठे हैं।
आपातकाल की यादें और सपा का हाल
मौर्य ने 1975-1977 के आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय इंदिरा गांधी के नेतृत्व में सरकार ने संविधान का दुरुपयोग किया और लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोटा। उन्होंने यह भी कहा कि इस आपातकाल ने न्यायपालिका को झुकने पर मजबूर किया, जो कि लोकतंत्र की अंतिम सुरक्षा थी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि सपा भी अब उसी प्रकार की दिशा में आगे बढ़ रही है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा, "कांग्रेस ने सत्ता को बचाने के लिए लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर किया और अब सपा उसी राह पर चल रही है। जब सपा के प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ दिखाई दे रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि पार्टी अपनी मूल विचारधारा को भूल गई है।"
मॉक पार्लियामेंट में युवा सहभागिता
सीएसजेएमयू में हुए मॉक पार्लियामेंट में, मौर्य ने युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने महापौर प्रमिला पांडे और बिल्हौर के विधायक राहुल सोनकर के साथ मिलकर आपातकाल पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में सांसद रमेश अवस्थी और एमएलसी सलिल विश्नोई ने कानपुर के संदर्भ में आपातकाल के प्रभावों का विश्लेषण किया।
इटावा कांड पर उनके विचार
इटावा कांड को लेकर मौर्य ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि समाज में जातिवाद का जहर फैलाना एक सामाजिक अपराध है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के घटनाक्रमों को भड़काने की कोशिश नहीं होनी चाहिए और सभी समुदायों के बीच भाईचारा बना रहना चाहिए।
निष्कर्ष और भविष्य की दिशा
मौर्य ने कहा कि यदि सपा इसी तरह नकारात्मक राजनीति करती रही, तो यह देश और समाज के लिए खतरनाक होगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील की।
इस प्रकार, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने न केवल कानून और व्यवस्था पर बल दिया, बल्कि राजनीति में विचारधारा की पवित्रता को बनाए रखने के महत्व को भी रेखांकित किया।
यह सभी बातें सीएसजेएमयू में उप मुख्यमंत्री के बयान के माध्यम से सामने आईं और उन्होंने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए।
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टीम नेटआनागरी द्वारा - राधिका शर्मा
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