उत्तराखंड में स्प्यूरियस ड्रग्स के खिलाफ अभियान, मुख्यमंत्री धामी का विशेष निर्देश
सीमा क्षेत्रों पर चौकसी बढ़ी, भारत-नेपाल सीमा के प्रवेश द्वारों पर विशेष निगरानी अभियान सहायक औषधि नियंत्रक हेमन्त सिंह नेगी के नेतृत्व में 8 सदस्यी विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम… Source Link: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष निर्देश पर “स्प्यूरियस ड्रग्स”के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग का ऑपरेशन क्लीन

उत्तराखंड में स्प्यूरियस ड्रग्स के खिलाफ अभियान, मुख्यमंत्री धामी का विशेष निर्देश
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देश पर नकली औषधियाँ और नशीली दवाओं से निपटने के लिए एक महत्त्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। यह अभियान "स्प्यूरियस ड्रग्स" के खिलाफ एक सशक्त कदम है जिसका लक्ष्य राज्य को “नशामुक्त उत्तराखंड” बनाना है।
महाअभियान का उद्देश्य
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, इस अभियान का प्राथमिक उद्देश्य जनता को उच्च गुणवत्ता और प्रमाणित औषधियाँ उपलब्ध कराना है। खासकर युवाओं को नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों से बचाना और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है। यह कार्यक्रम औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिसमें राज्यभर में व्यापक उपाय किए जा रहे हैं।
स्प्यूरियस दवा माफिया पर stringent कार्रवाई
इस महाअभियान के अंतर्गत नकली, अधोमानक, और नशीली दवाओं के निर्माताओं और विक्रेताओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सहायक औषधि नियंत्रक हेमन्त सिंह नेगी के नेतृत्व में खास 8 सदस्यीय क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) का गठन किया गया है, जिसे छापेमारी और जांच अभियान संचालित करने के लिए विवश किया गया है। इस टीम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं, जो प्रदेश भर में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
जनता की सहभागिता
इस मुहिम का एक अनिवार्य हिस्सा जन जागरूकता भी है। स्वास्थ्य विभाग ने एक टोल फ्री हेल्पलाइन 18001804246 भी शुरू की है, जिससे नागरिक नकली दवाओं के बारे में सूचित कर सकते हैं। इन सूचनाओं को पूरी गोपनीयता के साथ लिया जाएगा और त्वरित कार्रवाई की जाएगी। विद्यालयों में नशा मुक्ति पर शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।
भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी
इस अभियान के तहत भारत-नेपाल सीमा से सटी क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। सीमा पर चौकसी बढ़ाने से नशीली दवाओं के अवैध व्यापार को रोकने में मदद मिलेगी। यह कदम विभिन्न प्रकार की दवा माफिया की गतिविधियों पर नकेल कसने में सहायक होगा।
स्वास्थ्य संरचना को मजबूत बनाना
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि चिकित्सकीय निरीक्षकों का कार्य सभी जिलों में औषधियों की जांच को उचित श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इस पहल से औषधियों की गुणवत्ता की जांच और निगरानी को अधिक कारगर बनाया जाएगा।
धामी सरकार की दृढ़ नीति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड में नकली दवाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। यह महाअभियान स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर एक ऐतिहासिक पहल है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी नकली दवा उपभोक्ताओं तक न पहुंचे।
हमें इस अभियान का समर्थन करना चाहिए और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए। नागरिकों से अपील है कि वे बिना किसी संकोच के शिकायत या सूचना साझा करें, जिससे मिलकर हम इस स्वास्थ्य संकट का सामना कर सकें।
लेखिका: सुषमा रावत, प्रिया शर्मा, और नेहा गुप्ता
टीम Netaa Nagari
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