उत्तराखंड: मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, अस्पतालों के रेफरल सिस्टम में सुधार की आवश्यकता

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर नाराजगी जतायी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो सुविधाएं जिला एवं उप जिला […] The post UTTARAKHAND:-मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की प्रदेश में जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा,सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर जतायी नाराजगी appeared first on संवाद जान्हवी.

Jul 22, 2025 - 09:37
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उत्तराखंड: मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, अस्पतालों के रेफरल सिस्टम में सुधार की आवश्यकता
UTTARAKHAND:-मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की प्रदेश में जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा,सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर जतायी नाराजगी

उत्तराखंड: मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, अस्पतालों के रेफरल सिस्टम में सुधार की आवश्यकता

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कम शब्दों में कहें तो, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सरकारी अस्पतालों में चल रहे रेफरल सिस्टम को लेकर नाराजगी जाहिर की और सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए कि अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग प्राथमिकता के क्रम में किया जाए।

रेफरल सिस्टम में आवश्यक बदलाव की आवश्यकता

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों और घायलों को ही उच्च चिकित्सा केंद्रों के लिए रेफर किया जाना चाहिए। उनकी राय में इस प्रकार का प्रबंधन करना जिला अस्पतालों की सेवा गुणवत्ता में बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने सभी जिले के डॉक्टरों को आवश्यक सामान्य और महत्वपूर्ण जांचों को अनिवार्य रूप से प्रारंभ करने का निर्देश दिया।

स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के उपाय

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से कहा कि सभी जिला अस्पतालों में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती को जल्द से जल्द सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि महत्वपूर्ण जांचें जैसे यूरिन कल्चर यहीं पर की जा सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केवल उन्हीं जांचों को आउटसोर्स किया जाए, जो अस्पतालों में संभव नहीं हैं। इससे अस्पतालों की क्षमता में वृद्धि होगी।

पुरानी एम्बुलेंस की स्थिति सुधारें

मुख्य सचिव बर्द्धन ने इस बात को भी गंभीरता से लिया कि 108 एम्बुलेंस और विभागीय एम्बुलेंसों को तुरंत बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने आदेश दिया कि सभी 108 एम्बुलेंस की स्थिति का विश्लेषण किया जाए और जो वाहन खराब हैं, उन्हें शीघ्र बदला जाए। एम्बुलेंस सेवाएं संकट के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं, इसलिए इनकी स्थिति में सुधार बेहद जरूरी है।

पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार

आनंद बर्द्धन ने कुमायूँ एवं गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों में एक-एक IVF फैसिलिटी और ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता को भी महसूस किया है। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएं विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में मदद करेंगी। इस दिशा में कार्य को शीघ्रता से आगे बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश भी दिया गया है।

बैठक में अधिकारी हुए शामिल

बैठक के दौरान सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश के जिला और उप जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी। इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव के साथ प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इस प्रकार, उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। प्रशासन का ध्यान केवल अस्पतालों की व्यवस्था पर नहीं, बल्कि मरीजों की सुविधा और इलाज पर भी केंद्रित है।

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