लखनऊ: नैमिष नगर और वरुण विहार गांवों में भूमि रजिस्ट्री पर लगेगी रोक
लखनऊ, अमृत विचार। लखनऊ विकास प्राधिकरण की नैमिष नगर व वरुण विहार आवासीय योजना में आ रहे गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं हो सकेगी। इसके लिए एलडीए ने योजना से आच्छादित गांवों में जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए उप निबंधक को पत्र भेजा है। उपाध्यक्ष ने बताया कि वरुण विहार के लिए लगभग 22403 किसान और नैमिष नगर के लिए लगभग 18532 किसानों से प्राधिकरण के पक्ष में जमीन का बैनामा कराया जाना है। एलडीए लगातार किसानों से संपर्क करके सहमति के आधार पर जमीन का बैनामा करा रहा है, जिसकी पूर्ण धनराशि सीधे किसानों के...
लखनऊ: नैमिष नगर और वरुण विहार गांवों में भूमि रजिस्ट्री पर लगेगी रोक
कम शब्दों में कहें तो, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने नैमिष नगर और वरुण विहार के गांवों में भूमि खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित पत्र उप निबंधक को भेजा गया है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari
लखनऊ, अमृत विचार। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने हाल ही में नैमिष नगर और वरुण विहार आवासीय योजना के तहत आने वाले गांवों में भूमि की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य इन गांवों में भूमि की खरीद-फरोख्त को नियंत्रित करना है, ताकि योजना के अंतर्गत विकास कार्य तेजी से और पारदर्शिता के साथ हो सकें।
भूमि बैनामा की प्रक्रिया में तेजी
एलडीए के उपाध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि वरुण विहार के लिए लगभग 22,403 किसान और नैमिष नगर के लिए लगभग 18,532 किसानों से प्राधिकरण के पक्ष में भूमि का बैनामा कराया जाना आवश्यक है। एलडीए, इन किसानों के साथ लगातार संपर्क में है, और सहमति के आधार पर भूमि का बैनामा किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को उनकी पूरी धनराशि बिना किसी विलंब के प्राप्त हो, इसे सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है।
प्रमुख चिंताएँ एवं रोक का कारण
हालांकि, इस प्रक्रिया में एक चिंताजनक पहलू भी सामने आया है। सूत्रों से पता चला है कि दोनों आवासीय योजनाओं के अंतर्गत आने वाले कुछ किसान, प्राधिकरण के अतिरिक्त थर्ड पार्टी के पक्ष में भूमि की रजिस्ट्री कर रहे हैं। इससे मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत स्वीकृत इन आवासीय योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस संदर्भ में क्षेत्रीय उप निबंधक को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें इन गांवों की भूमि के प्राधिकरण के अलावा अन्य पक्षों को विक्रय अनुबंधों पर रोक लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
भविष्य की योजनाएँ और संभावित लाभ
यह कदम बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने का प्रयास है, जिससे भविष्य में भूमि स्वामित्व के किसी भी विवाद से बचा जा सके। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी लेन-देन प्राधिकरण के द्वारा नियंत्रित हों, जिससे भूमि उपयोग में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके।
इस रोक से आवासीय योजनाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा। इसके साथ ही, यह कदम अन्य किसानों के लिए भी उदाहरण पेश करेगा कि किस प्रकार से योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
अंत में, यह स्पष्ट है कि एलडीए इस प्रकार के निर्णय लेकर किसानों के हितों को सर्वोपरि रखता है और योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीर है। आगे बढ़ते हुए यह भी अहम है कि सभी संबंधित पक्षों को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
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टीम नेटaa नागरी, साक्षी शर्मा
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