Dehradun:-केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया भारतीय संरक्षण सम्मेलन-2025 उद्घाटन कहा-पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत पर्यावरण और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध
भारतीय वन्यजीव संस्थान,देहरादून में केंद्रीय पर्यावरण,वन एवं और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारतीय संरक्षण सम्मेलन (ICCON 2025)का उद्घाटन किया। सम्मेलन बुधवार से शुरू हुआ और 27 जून को समाप्त होगा। सम्मेलन में देश भर से सैकड़ों छात्र,शोधकर्ता,वन अधिकारी और संरक्षण पेशेवर शामिल हुए। सम्मेलन की शुरुआत ICCON 2025 के आयोजन सचिव और वैज्ञानिक-एफ […] The post Dehradun:-केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया भारतीय संरक्षण सम्मेलन-2025 उद्घाटन कहा-पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत पर्यावरण और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध appeared first on संवाद जान्हवी.

Dehradun: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया भारतीय संरक्षण सम्मेलन-2025 का उद्घाटन
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भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारतीय संरक्षण सम्मेलन (ICCON 2025) का उद्घाटन किया। सम्मेलन बुधवार से शुरू हुआ और 27 जून तक चलेगा। इस आयोजन में देश भर से सैकड़ों छात्र, शोधकर्ता, वन अधिकारी और संरक्षण पेशेवर शामिल हुए हैं, जो पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे।
सम्मेलन का उद्देश्य और भूमिका
ICCON 2025 का उद्देश्य संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाकर विचारों का आदान-प्रदान करना है। सम्मेलन की शुरुआत आयोजन सचिव डॉ. बिलाल हबीब के स्वागत भाषण से शुरू हुई, जहाँ उन्होंने प्रतिभागियों को कार्यक्रम के उद्देश्यों और प्रमुख विषयों से परिचित कराया। इसके बाद, IISER त्रिवेन्द्रम की प्रोफेसर डॉ. हेमा सोमनाथन ने मधुमक्खियों की संवेदी और संज्ञानात्मक पारिस्थितिकी पर एक व्यावहारिक व्याख्यान दिया।
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि वर्तमान में भारत जैव विविधता संरक्षण में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और वैश्विक भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में बाघ अभयारण्यों की संख्या 47 से बढ़कर 58 हो गई है। इसके अलावा, देश में रामसर साइट्स की संख्या भी 25 से बढ़कर 91 तक पहुंच गई है। यह सभी आंकड़े इस दिशा में उठाए गए कदमों की पुष्टि करते हैं।
महत्वपूर्ण पहलें
श्री यादव ने मिष्ठी (MISHTI), अमृत धरोहर और ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम जैसी पहलों का उल्लेख किया, जो पर्यावरण संरक्षण में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे विचारों को समेटेगा जो युवा पीढ़ी को वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व की नई दिशा दिखाएंगे।
संरक्षण के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण और उसका वैज्ञानिक उपयोग आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष के समाधान के लिए भी सरकार गंभीरता से काम कर रही है।
सम्मेलन का महत्व
यह सम्मेलन न केवल वन्यजीवों के संरक्षण के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा करेगा, बल्कि यह भविष्य में होने वाले अनुसंधान और विकास को भी प्रभावित करेगा। वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि ICCON 2025 भारत के विकसित संरक्षण लोकाचार का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सम्मेलन का समापन सभी प्रतिभागियों के लिए एक उत्कृष्ट अनुभव रहेगा, जहाँ वे संरक्षण के क्षेत्र में नई दृष्टि और ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
इस उपलक्ष्य में, हम सभी से आग्रह करते हैं कि वे पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझें और अपने आसपास के वातावरण को सुरक्षित रखने में योगदान दें।
महत्वपूर्ण जानकारी और दिशा-निर्देशों के लिए, अवश्य ही हमारे अन्य लेख पढ़ें। अधिक अपडेट के लिए, विजिट करें: netaanagari.com
लेखक: दीप्ति शर्मा, साक्षी वाघेला, टीम netaanagari
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