UP: तालाब में प्रकट हुए हनुमानजी, श्रद्धालुओं की भक्ति उमड़ी
जगदीशपुर, अमेठी अमृत विचार। कमरौली थाना क्षेत्र के बनभरिया गांव में बुधवार शाम उस समय हर्ष और उत्साह का माहौल बन गया, जब गांव के शीतला माता मंदिर के सामने स्थित तालाब के सूखे हिस्से से हनुमानजी की प्राचीन पत्थर की प्रतिमा निकल आई। प्रतिमा के दिखाई देते ही पूरे गांव में खबर फैल गई और देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जयकारों के साथ मौके पर पहुंच गए। गांव के युवक अखिलेश उर्फ सोमिल कनौजिया (20) ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ तालाब किनारे गाय चरा रहा था।इसी दौरान उसकी नजर तालाब में दबे...
UP: तालाब में प्रकट हुए हनुमानजी, श्रद्धालुओं की भक्ति उमड़ी
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के बनभरिया गांव में बुधवार को एक अद्भुत घटना घटित हुई। गांव के शीतला माता मंदिर के पास स्थित तालाब के सूखे हिस्से से हनुमानजी की प्राचीन पत्थर की प्रतिमा प्रकट हुई, जिसने पूरे गांव में हर्ष और उत्साह की लहर दौड़ा दी।
घटना का विवरण
कमरौली थाना क्षेत्र के बनभरिया गांव में बुधवार की शाम को हनुमानजी की प्राचीन पत्थर की प्रतिमा निकलने पर गांव में कई श्रद्धालुओं ने इसे दैवीय चमत्कार माना। तालाब के सूनसान हिस्से से प्रतिमा प्रकट होते ही गांव में खबर तुरंत फैल गई। इसके बाद सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए।
गांव के युवक अखिलेश उर्फ सोमिल कनौजिया (20) ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ तालाब के किनारे गाय चरा रहा था। तभी उसकी नजर तालाब में दबे एक पत्थर पर पड़ी। जिज्ञासावश उसने लकड़ी की सहायता से मिट्टी हटाना शुरू किया और कुछ ही समय में उसने लगभग डेढ़ से दो फीट ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा देखी।
ग्रामीणों का उत्साह
प्रतिमा के प्रकट होते ही उत्साही ग्रामीण नारियल फोड़कर पूजा-अर्चना करने लगे। तालाब किनारे “जय श्री राम” और “बजरंगबली की जय” के जयकारों से पूरी जगह गूंज उठी। ग्रामीणों का मानना है कि यह घटना उनके लिए बहुत शुभ है। कई लोगों ने इसे दिव्य संकेत मानते हुए विशेष पूजा करने का संकल्प लिया है।
प्रतिमा को सुरक्षित स्थान पर रखकर श्रद्धालु लगातार दर्शन कर रहे हैं। इस घटना के बाद से गांव में भक्तों का तांता लगा हुआ है और पूरा गांव भक्ति और आस्था से सराबोर हो गया है।
दिव्यता की तलाश
इस घटना से न केवल गांव में, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। ग्रामीणों का मानना है कि यह प्रतिमा उनके लिए ढेर सारी भलाई और समृद्धि लेकर आएगी।
निष्कर्ष
जहां एक ओर ऐसी घटनाएं विभाजन और विश्वसनीयता की दृष्टि से महत्वपूर्ण होती हैं, वहीं दूसरी ओर यह हमें विश्वास दिलाती हैं कि आस्था और विश्वास हमारे जीवन में गहरी छाप छोड़ते हैं। बनभरिया गांव की यह घटना न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे लोकाचार और संस्कृति को भी प्रकट करती है।
हमेशा की तरह, धार्मिक आस्था को लेकर होने वाली इस तरह की घटनाएँ हमारे समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनका सम्मान करना और समझना आवश्यक है।
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टीम नेटां नागरी
साक्षी वर्मा
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