11 वर्षों से ढूंढ रही थी पुलिस, बिहार में फरार हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार
बिहार पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में औरंगाबाद पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. औरंगाबाद पुलिस और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की टीम ने 11 वर्षों से फरार नक्सली को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अधिकारी ने रविवार को बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि 11 सालों से वांछित हार्डकोर नक्सली मुकेश यादव उर्फ सूर्यदेव यादव अपने गांव कासमा थाना के खैरा मनोरथ गांव आया है. औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई कर उसके घर की घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर- दो अमित कुमार ने बताया कि 2014 में सलैया थाना क्षेत्र के चाल्हो जोन में माओवादियों के खिलाफ एक बड़े सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी. इस सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी संख्या 10/14 में 43 से अधिक नक्सलियों को नामजद, जबकि 50 से 60 अज्ञात नक्सलियों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें मुकेश यादव भी आरोपी था. पुलिस तभी से इसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ के बाद इस मामले में शामिल अन्य फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है. एसडीपीओ कुमार ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ की जा रही है तथा इसके अन्य थानों से संपर्क कर इसके आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नक्सली ने लेवी वसूलने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि यह संवेदकों और ईंट भट्ठों के मालिकों से लेवी वसूलने का काम करता था और ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को नक्सली संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित करता था। पुलिस इस कामयाबी को बड़ी सफलता मान रही है.

11 वर्षों से ढूंढ रही थी पुलिस, बिहार में फरार हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार
Netaa Nagari
लेखिका: प्रिया शर्मा, टीम NetaaNagari
परिचय
बिहार में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। 11 वर्षों से फरार हार्डकोर नक्सली, जो देश के कई हिस्सों में आतंक का पर्याय बन चुका था, आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी न केवल पुलिस के लिए, बल्कि बिहार के नागरिकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
गिरफ्तारी के विवरण
बिहार के मुंगेर जिले में हुई इस गिरफ्तारी ने सभी को चौंका दिया है। आरोपी पर कई हत्या, डकैती और अन्य गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं। जानकारी के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि यह नक्सली अपने करीबी रिश्तेदार से मिलने आया था। इस आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए एक योजना बनाई थी।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपित के ठिकाने को घेरकर उसकी गिरफ्तारी के लिए एक ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ के दौरान, नक्सली ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे सफलतापूर्वक पकड़ लिया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह गिरफ्तारी नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ा कदम है और इससे क्षेत्र में शांति व्यवस्था बहाल करने में मदद मिलेगी।
नक्सलवाद: एक चुनौती
बिहार में नक्सलवाद के फैलाव ने वर्षों से राज्य को गंभीर चुनौतियों का सामना कराया है। जबकि सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ कई अभियानों का संचालन किया है, लेकिन इस प्रकार की गिरफ्तारियों से यह संकेत मिलता है कि पुलिस विभाग अपने कार्य में निरंतर प्रगति कर रहा है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने इस गिरफ्तारी का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे उनके क्षेत्र की सुरक्षा में सुधार होगा। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "यह घटना हमारी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम है। हम पुलिस की इस कार्रवाई का समर्थन करते हैं।"
निष्कर्ष
बिहार में हार्डकोर नक्सली की गिरफ्तारी के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस अपने कार्य में दृढ़ता से लगी हुई है। इस घटना से यह शिक्षा मिलती है कि यदि पुलिस और स्थानीय लोग मिलकर कार्य करें, तो नक्सलवाद जैसी जटिल समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस दिशा में और भी कड़े कदम उठाएगी।
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