'मेरा कसूर इतना था कि मैंने पंजाब की कानून-व्यवस्था पर सवाल पूछा,' पुलिस की पूछताछ के बाद बोले प्रताप सिंह बाजवा

पंजाब पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के बाद कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा का बयान सामने आया है। उन्होंने मोहाली के साइबर क्राइम थाने से बाहर पंजाब कांग्रेस लीडिरशिप और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद कहा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा हमने सरकार का डटकर मुकाबला किया है।

Apr 15, 2025 - 21:37
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'मेरा कसूर इतना था कि मैंने पंजाब की कानून-व्यवस्था पर सवाल पूछा,' पुलिस की पूछताछ के बाद बोले प्रताप सिंह बाजवा
'मेरा कसूर इतना था कि मैंने पंजाब की कानून-व्यवस्था पर सवाल पूछा,' पुलिस की पूछताछ के बाद बोले प्रताप सिंह बाजवा

मेरा कसूर इतना था कि मैंने पंजाब की कानून-व्यवस्था पर सवाल पूछा,' पुलिस की पूछताछ के बाद बोले प्रताप सिंह बाजवा

Netaa Nagari

पंजाब की राजनीति में हमेशा कुछ न कुछ विवाद बना रहता है। हाल ही में, प्रताप सिंह बाजवा ने पुलिस पूछताछ के दौरान कहा कि उनका "कसूर" केवल इतना था कि उन्होंने पंजाब की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया। बाजवा, जो अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर हैं, इस बार भी अपनी बात से पीछे नहीं हटे।

बाजवा का बयान

प्रताप सिंह बाजवा ने यह आरोप लगाया कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सवाल उठाने पर ही उन्हें पूछताछ का सामना करना पड़ा। उनका यह बयान उस समय आया जब पंजाब में अपराध दर में वृद्धि दर्ज की गई है।

कानून-व्यवस्था पर सवाल

पंजाब में हाल के दिनों में कई आपराधिक घटनाएँ घटित हुई हैं, जिनमें हत्या, दुष्कर्म और जबरन वसूली जैसी वारदातें शामिल हैं। इन घटनाओं ने न केवल स्थानीय निवासियों को, बल्कि राजनीतिक नेताओं को भी चिंता में डाल दिया है। बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में असमर्थ है और लोगों की सुरक्षा के प्रति लापरवाह है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर बाजवा के बयान के बाद से राजनीतिक दलों में हलचल मच गई है। उन्होंने कहा, "अगर किसी नेता को कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने की वजह से परेशान किया जा रहा है, तो यह लोकतंत्र के लिए एक चिंताजनक स्थिति है।" उनके इस बयान को अन्य नेताओं ने भी समर्थन दिया है।

पुलिस की भूमिका

बाजवा का मानना है कि पुलिस को आम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि ऐसे नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है, तो इसका मतलब यह है कि सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की भूमिका केवल कानून को लागू करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी भी होनी चाहिए।

निष्कर्ष

प्रताप सिंह बाजवा की यह टिप्पणी फिर से साबित करती है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता है। उनके सवालों से यह प्रतीत होता है कि नेतृत्व को इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है।यदि ऐसे मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे भविष्य में गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकते हैं।

बाजवा के बयानों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राजनीति में चर्चा और संवाद का कितना महत्व है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या सरकार इस संकट को हल कर पाएगी? हम सभी को यह उम्मीद रखनी चाहिए कि आने वाले समय में पंजाब की स्थिति में सुधार हो।

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