प्रधानमंत्री मोदी का बयान: समस्याओं का समाधान युद्ध नहीं, बातचीत से होगा
जगरेब। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत और क्रोएशिया इस बात पर सहमत हैं कि चाहे यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदानों से नहीं निकल सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि बातचीत और कूटनीति ही इसका एकमात्र रास्ता है। क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ वार्ता के बाद मीडिया को दिए बयान में मोदी ने कहा कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हैं कि ‘‘आतंकवाद मानवता का दुश्मन है’’ और यह लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली ताकतों के लिए दुश्मन के समान है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सहमत हैं कि चाहे बैठक...

प्रधानमंत्री मोदी का बयान: समस्याओं का समाधान युद्ध नहीं, बातचीत से होगा
जगरेब। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में क्रोएशिया की यात्रा के दौरान यह स्पष्ट किया कि भारत और क्रोएशिया के बीच एक स्पष्ट सहमति है कि वैश्विक समस्याओं का समाधान किसी भी युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता। उनका कहना था कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों का समाधान केवल बातचीत और कूटनीति से संभव है। इस मुद्दे पर उन्होंने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ बातचीत के बाद मीडिया में अपनी बातें साझा की। मोदी ने यह भी कहा कि ‘‘आतंकवाद मानवता का दुश्मन है’’ और यह लोकतांत्रिक देशों के लिए खतरे के समान है।
कम शब्दों में कहें तो, प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि संवाद और कूटनीति ही वर्तमान समस्याओं का सही समाधान है। अधिक अपडेट के लिए यहां क्लिक करें.
कूटनीति को प्राथमिकता
मोदी ने मीडिया से कहा, "हम इस बात पर सहमत हैं कि चाहे यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदानों से नहीं पाया जा सकता है। बातचीत और कूटनीति आवश्यक है।" यह बयान विशेष रूप से पश्चिम एशिया में मौजूदा सैन्य तनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। उन्होंने क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
भारत-क्रोएशिया संबंधों में मजबूती
भारत और क्रोएशिया के नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में विचार-विमर्श किया। मोदी ने कहा कि "यह एक सुखद संयोग है कि हमें पिछले साल अपने-अपने देशों के लोगों से तीसरे कार्यकाल के लिए जनादेश मिला।" उन्होंने मिलकर द्विपक्षीय संबंधों को तेज गति देने का संकल्प लिया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर मोदी ने कहा, "हमारी बातचीत में रक्षा, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्र शामिल रहे।" इसके साथ ही, उन्होंने सेमीकंडक्टर, जहाज निर्माण और कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी सहयोग पर चर्चा की।
भारत और यूरोपीय संघ के संबंध
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया, "बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत-क्रोएशिया द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर चर्चा की जिसमें डिजिटल प्रौद्योगिकी, पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के अवसरों पर बात की गई।"
आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी
मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री को हाल में भारत में हुए आतंकवादी हमले पर शोक व्यक्त करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद वैश्विक स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। प्लेंकोविक ने भी इस विषय पर बात की और कहा कि सुरक्षा के मामले में विश्व की स्थिति अस्थिर है, इस दिशा में सभी नेताओं को एकजुट होने की आवश्यकता है।
संस्कृति और ऐतिहासिक संबंधों की मजबूती
मोदी ने सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के अपने प्रयास के लिए कहा, "हम सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करेंगे।" उन्होंने बताया कि जगरेब विश्वविद्यालय में 'हिंदी चेयर' की अवधि को 2030 तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलाव, भारतीय योग की बढ़ती लोकप्रियता ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक प्रोत्साहित किया है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-क्रोएशिया संबंधों के लिए एक नए युग की शुरुआत कर सकती है। दोनों देशों ने सहयोग की संभावनाओं पर विचार करते हुए एक सामरिक दृष्टिकोण अपनाया है। यह कूटनीति वैश्विक समस्याओं के समाधान में एक महत्वपूर्ण पहल हो सकती है, जो हमें एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएगी।
आखिरकार, प्रधानमंत्री मोदी के क्रोएशिया दौरे ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है: वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संवाद और सहयोग ही सही तरीका है। इस प्रकार, जगरेब में हुई यह महत्वपूर्ण वार्ता द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती को और सिद्ध करती है।
Written by: साक्षी तिवारी, आर्या मेहता, टीम नेटआनागरी
Keywords:
Croatia, Prime Minister Modi, diplomacy, terrorism, bilateral relations, India, Europe, Afghanistan, security, international relations, negotiationsWhat's Your Reaction?






