चुनाव आयोग का ऐतिहासिक निर्णय: अब डाक मत-पत्र की गिनती होगी बाद में
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने चुनावों में डाक मत-पत्र (पीबी) और इलेक्ट्रानिक विधि से भेजे गए डाक मत-पत्रों (ईटीपाबी) की गिनती इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतों की मतगणना के अंतिम दो दौर की गिनती से पहले पूरा कराने का निर्णय लिया है। आयोग के इस निर्णय के अनुसार संबंधित मतगणना केंद्रों पर डाक मत-पत्रों की गणना पूरी होने के बाद ही ईवीएम और वीवीपीएसटी के अंतिम दो दौर की गिनती करायी जाएगी। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में ऐसे मत-पत्रों की गिनती फिलहाल मतगणना के दिन सबसे पहले सुबह आठ बजे शुरू की जाती है और इलेक्ट्रानिक मतदान मशीनों (ईवीएम)...
चुनाव आयोग का ऐतिहासिक निर्णय: अब डाक मत-पत्र की गिनती होगी बाद में
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कम शब्दों में कहें तो, चुनाव आयोग ने अब डाक मत-पत्रों की गिनती को मतदान की प्रक्रिया के अंतिम दौर के बाद कराए जाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और साक्ष्यता दोनों बढ़ने की उम्मीद है।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए चुनावों में डाक मत-पत्र (Postal Ballots) और इलेक्ट्रानिक तरीके से भेजे गए डाक मत-पत्रों (E-Postal Ballots) की गिनती का प्रावधान ændकर दिया है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, डाक मत-पत्रों की गिनती ईवीएम और वीवीपीएटी (VVPAT) की मतगणना के अंतिम दो चरणों से पहले संपन्न की जाएगी। यह निर्णय विशेष रूप से लोकसभा और विधानसभा चुनावों के संदर्भ में लिया गया है, जहाँ पहले मतगणना के दिन डाक मत-पत्रों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होती थी, लेकिन अब प्रक्रिया में बदलाव होगा।
मतगणना का नया प्रारूप
आयोग के अनुसार, अब संबंधित मतगणना केंद्रों पर डाक मत-पत्रों की गणना पहले पूरी होने के बाद ही ईवीएम और वीवीपीएटी के अंतिम दो चरणों की गिनती शुरू होगी। इस निर्णय का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को और अधिक सुगम और प्रभावी बनाना है। आयोग के प्रवक्ता के अनुसार, यह कदम पहले के 29 उपायों का हिस्सा है जिन्हें आयोग द्वारा चुनावी प्रक्रिया को सुधारने के लिए पहले ही लागू किया जा चुका है।
डाक मत-पत्रों और ईवीएम की गणना
चुनाव आयोग ने बताया कि आमतौर पर डाक मत-पत्रों की गणना पहले पूरी होती है, लेकिन सिद्धांत में यह संभव है कि ईवीएम की गणना डाक मत-पत्रों से पहले खत्म हो जाए। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए अब नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आयोग का मानना है कि यह निर्णय युवा मतदाताओं और विशेष जरूरतों वाले मतदाताओं की संख्या को बढ़ाने में मदद करेगा।
पीडब्ल्यूडी और बुढ़ापे के मतदाताओं के लिए सुविधाएं
चुनाव आयोग ने हाल ही में विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों (PWD) और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को मतदान करने के लिए घर से वोट करने की सुविधा दी है। इसके साथ ही डाक मत-पत्रों की संख्या में वृद्धि होने के कारण आयोग ने गणनाकर्मियों और आवश्यक व्यवस्था का विस्तार किया है।
निर्देश और तैयारी
आयोग ने निर्देश दिया कि जिन मतगणना केंद्रों पर अधिक संख्या में डाक मत-पत्र प्राप्त हुए हों, वहां पर्याप्त गणनाकर्मी और सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान कुछ विपक्षी दलों ने मतगणना प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की थी, खास कर डाक मत-पत्रों की गिनती के संदर्भ में।
चुनाव आयोग का पुराना दृष्टिकोण
तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यह आश्वासन दिया था कि डाक मतपत्रों की गिनती सबसे पहले शुरू होगी, लेकिन 2019 से लागू नियमों के अनुसार, ईवीएम की गिनती में 30 मिनट से ज्यादा की देरी नहीं होगी। इसे पहले भी विभिन्न चुनावों में लागू किया गया था, और आयोग ने इसे अमल में लाए जाने की आवश्यकता को मान्यता दी है।
आयोग ने आवश्यक कदम उठाकर यह सुनिश्चित किया है कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके चलन को बदलने से निश्चित रूप से चुनावी प्रक्रियाओं में नयापन आएगा और मतदाता विश्वास जगाएंगे।
कम शब्दों में कहें तो, चुनाव आयोग का यह नया निर्णय न केवल स्पष्टता प्रदान करेगा बल्कि चुनावी प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और सशक्त बनाएगा। अधिक अपडेट्स के लिए विजिट करें https://netaanagari.com.
सादर,
टीम नेटा नगरी
दिव्या शर्मा
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