पहली बरसात ने खोल दी गांव में विकास की पोल, बारिश के बाद जलभराव और कीचड़ से निकलने को मजबूर लोग

डिजिटल डेस्क-  एटा जनपद में पहली ही बरसात ने विकासखंड शीतलपुर की ग्राम पंचायत जिरसमी के गांव नगला मुंही में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही ग्रामीण विकास की…

Jun 21, 2025 - 18:37
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पहली बरसात ने खोल दी गांव में विकास की पोल, बारिश के बाद जलभराव और कीचड़ से निकलने को मजबूर लोग
पहली बरसात ने खोल दी गांव में विकास की पोल, बारिश के बाद जलभराव और कीचड़ से निकलने को मजबूर लोग

पहली बरसात ने खोल दी गांव में विकास की पोल, बारिश के बाद जलभराव और कीचड़ से निकलने को मजबूर लोग

डिजिटल डेस्क- एटा जनपद में पहली ही बरसात ने विकासखंड शीतलपुर की ग्राम पंचायत जिरसमी के गांव नगला मुंही में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही ग्रामीण विकास की योजनाओं की पोल खोलकर रख दी है। इस वर्ष की पहली बारिश ने न केवल गांव के विकास पर प्रश्न चिह्न लगाया है, बल्कि लोगों के जीवन को भी प्रभावित कर दिया है।

विकास की दावों का विरोधाभास

गांव में हुई बरसात के बाद हर जगह जलभराव हो गया है। यह स्थिति ग्रामीण विकास योजनाओं के तहत एक उपयुक्त जल निकासी प्रणाली की कमी को उजागर करती है। मौजूदा मौसम ने साफ किया है कि विकास कार्यों की असलियत क्या है और सरकारी दावे कितने खोखले हैं। किसानों और आम नागरिकों को रोजमर्रा के कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पानी और कीचड़ में फंसे लोग

गांव के लोग बारिश के बाद विशेष रूप से सड़कों पर जलभराव के कारण काफी परेशान हैं। कई लोग अपने घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हैं, जबकि बच्चों को स्कूल पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। जलभराव के कारण यातायात भी प्रभावित हुआ है, जिससे स्थानीय बाजारों में सामान की उपलब्धता कम होने लगी है। घटनास्थल पर गंदगी और कीचड़ का अंबार लगा हुआ है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।

स्थानीय नेताओं की चुप्पी

इस गंभीर स्थिति के बाद स्थानीय नेताओं की चुप्पी ने लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है। स्थानीय विधायक और सांसद ने इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। लोग अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या उन्हें चुनाव के समय केवल वादों पर भरोसा करना चाहिए? ग्रामीणों का कहना है कि जब बारिश के दिनों में ऐसा हाल है, तो अन्य मौसम में विकास का सपना कैसे साकार होगा?

संभावनाएं और समाधान

गांववासियों का मानना है कि अगर विकास कार्यों को सही दिशा में न बढ़ाया गया तो गांव की हालत बिगड़ती ही जाएगी। प्रभावी जल निकासी के लिए विशेषज्ञों की सलाह ली जानी चाहिए। यदि सरकार द्वारा समय पर ठोस कदम उठाए जाएं, तो आने वाली प्रकृतिक आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी।

आखिरकार, यह बारिश केवल प्राकृतिक घटना नहीं है, बल्कि विकास कार्यों को लेकर एक गंभीर चेतावनी भी है। अगर स्थानीय प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता, तो ग्रामीणों को आने वाले समय में कई और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि केवल योजनाओं की घोषणा करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन योजनाओं का सही कार्यान्वयन भी उतना ही आवश्यक है।

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