पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में शोध कराएगा Tourism Department, विभाग ने आमंत्रित किए शोध प्रस्ताव, जानें कैसे और कब तक कर सकते हैं अप्लाई
लखनऊ, अमृत विचार: पर्यटन एवं आतिथ्य के क्षेत्र में पर्यटन विभाग शोध कराएगा। शोधार्थियों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए विभाग ने मार्केट रिसर्च स्टडी (बाजार अनुसंधान अध्ययन) के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह पहल उप्र. पर्यटन नीति-2022 के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में पर्यटन उद्योग के समग्र विकास, निवेश प्रोत्साहन और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि इस पहल से राज्य में यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र की वर्तमान प्रवृत्तियों, संभावनाओं और चुनौतियों का गहन अध्ययन...
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लखनऊ, अमृत विचार: पर्यटन एवं आतिथ्य के क्षेत्र में पर्यटन विभाग शोध कराएगा। शोधार्थियों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए विभाग ने मार्केट रिसर्च स्टडी (बाजार अनुसंधान अध्ययन) के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह पहल उप्र. पर्यटन नीति-2022 के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में पर्यटन उद्योग के समग्र विकास, निवेश प्रोत्साहन और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि इस पहल से राज्य में यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र की वर्तमान प्रवृत्तियों, संभावनाओं और चुनौतियों का गहन अध्ययन किया जा सकेगा। इस अनुसंधान से नीतिगत निर्णयों को गति मिलेगी, जिससे प्रदेश के पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकार अकादमिक संस्थानों, शोधकर्ताओं एवं विशेषज्ञ संगठनों को सहयोग प्रदान करेगी। प्रत्येक स्वीकृत मार्केट रिसर्च स्टडी के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप पर्यटन को विकसित करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि पर्यटन उद्योग में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ें। अकादमिक संस्थानों और विशेषज्ञ संगठनों की भागीदारी से हमें नीतिगत निर्णयों के लिए ठोस और व्यावहारिक सुझाव प्राप्त होंगे।
प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि मार्केट रिसर्च स्टडी से प्रदेश में पर्यटन की वास्तविक संभावनाओं की स्पष्ट समझ विकसित होगी, जिससे राज्य के पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूती मिलेगी । इससे पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र के विकास में एक सशक्त कदम है।
कौन कर सकता है आवेदन
जयवीर सिंह ने बताया कि मान्यता प्राप्त ट्रैवल एसोसिएशन, चैंबर ऑफ कॉमर्स, ट्रैवल एवं हॉस्पिटैलिटी संस्थान, प्रतिष्ठित एनजीओ (वाइल्डलाइफ, हेरिटेज, क्राफ्ट या पर्यावरण संरक्षण से जुड़े) तथा मैनेजमेंट संस्थान और विश्वविद्यालय इस पहल के तहत आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इच्छुक संस्थाएं उप्र. पर्यटन विभाग की वेबसाइट https://up-tourismportal.in पर जाकर आवेदन कर सकती हैं। यह पोर्टल 15 नवंबर 2025 तक खुला रहेगा, और इसी अवधि में निर्धारित प्रारूप में प्रस्ताव जमा किए जा सकेंगे।
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