नटवरलाल ने कसाब को पहचाना था, तहव्वुर राणा पर बोले, 'आतंकियों की कोई जात नहीं, मुसलमानों को...'

मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा भारत पहुंच गया है. दिल्ली के एयरपोर्ट पर स्पेशल विमान लैंड हुआ. 2009 से वह अमेरिका की जेल में बंद था. उसके भारत लाए जाने से मुंबई हमले के पीड़ित बेहद खुश हैं और फांसी की मांग कर रहे हैं. इस बीच नटवरलाल रोटावन की प्रतिक्रिया सामने आई है जिन्होंने कोर्ट में जिंदा बचे आतंकी अजमल कसाब को पहचाना था. अब कई राज खुलेंगे- नटवरलाल नटवरलाल रोटावन ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, "सबसे बड़ा श्रेय हमारे प्रधानमंत्री को जाता है. अब कई राज खुलेंगे और मालूम पड़ेगा कि और कितने लोग इसमें शामिल थे. तहव्वुर राणा को जब फांसी होगी तो देश में जय जयकार होगा." #WATCH | Mumbai | On Tahawwur Rana's extradition from the US to India, 26/11 Mumbai terror attacks survivor Natwarlal Rotawan says, "India will be hailed when Tahawwur Rana will be sentenced to death. I identified the terrorist Kasab (during the trial of the case). PM Modi ji is… pic.twitter.com/PaiIwUaNQF — ANI (@ANI) April 10, 2025 'मैंने कसाब को कोर्ट में खूब सुनाया' इसके आगे उन्होंने कहा, "26/11 में मैं विटनेस बना था. पाकिस्तान से दस आतंकवादी आए थे. नौ को मार गिराया था. कसाब जिंदा था. मैं कसाब के लिए कोर्ट में गया. कोर्ट में उसको बहुत सुनाया. उन लोगों ने 166 लोगों को मारा. 300 लोगों को घायल किया जिसमें मेरी बेटी भी शामिल थी. आज वो दुख तो हम भूल नहीं सकते हैं. तहव्वुर को फांसी भी हो जाए तो हम भूल नहीं सकते क्योंकि अभी तो पाकिस्तान में आतंकी जिंदा हैं." 'शेर माफिक अपना प्रधानमंत्री' इसके साथ ही नटवरलाल रोटावन ने कहा, "सरकारें तो आती जाती रहती हैं लेकिन मोदी ने बहुत अच्छा काम किया बस ये मानता हूं. शेर के माफिक अपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं. पाकिस्तान में घुसकर दो बार चैलेंज दिया और आज काम पूरा किया." 'आतंकियों को कोई जात नहीं होती' तहव्वुर राणा को लेकर उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि उसे फांसी दी जाए. उन्होंने कहा, "सीएसटी पर 57 लोगों को मारा और 100 लोगों को घायल किया. हमारी आंखों के सामने ये सब हुआ. उन लोगों ने क्या बिगाड़ा था? आतंकवादियों की जात किसी की नहीं होती है. आतंकवादी, आतंकवादी होता है, मुसलमान लोगों को भी मारा न! हिंदू, मुस्लिम, इसाई, जैन सबको मारा न!" नटवरलाल ने कहा कि उसको फांसी देने से नंगा करके खूब पीटा जाए. 

Apr 10, 2025 - 15:37
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नटवरलाल ने कसाब को पहचाना था, तहव्वुर राणा पर बोले, 'आतंकियों की कोई जात नहीं, मुसलमानों को...'
नटवरलाल ने कसाब को पहचाना था, तहव्वुर राणा पर बोले, 'आतंकियों की कोई जात नहीं, मुसलमानों को...'

नटवरलाल ने कसाब को पहचाना था, तहव्वुर राणा पर बोले, 'आतंकियों की कोई जात नहीं, मुसलमानों को...'

Netaa Nagari

लेखक: कविता शर्मा, टीम नटानगरी

परिचय

हाल ही में एक विवादास्पद बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। नटवरलाल, जो अपनी पहचान के लिए जाने जाते हैं, ने कसाब से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में कुछ चौंकाने वाली बातें की हैं। इस आलेख में हम उनके बयान पर चर्चा करेंगे और समझेंगे कि इसका व्यापक संदर्भ क्या है।

नटवरलाल का बयान

नटवरलाल ने कहा कि "आतंकियों की कोई जात नहीं, मुसलमानों को आतंकवाद से जोड़ना गलत है।" उनका यह कथन इस बात पर जोर देता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और इसे केवल एक विशेष समुदाय से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने तहव्वुर राणा का नाम लेते हुए कहा कि हमें किसी व्यक्ति के पूर्वाग्रह के आधार पर उसे निर्धारित नहीं करना चाहिए।

कसाब की पहचान

नटवरलाल ने अपनी बात में यह भी कहा कि कसाब के मामले में समाज के विभिन्न धड़ों ने एकजुटता दिखाई और यह बताया कि किस तरह आतंकवाद ने देश को एक कठिन स्थिति में डाल दिया है। उनके अनुसार, हमें हमलावरों की पहचान को लेकर अधिक गंभीर होना चाहिए।

राजनीतिक संदर्भ

भारत में आतंकवाद का मुद्दा एक संवेदनशील विषय है और नटवरलाल के बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है। बहुत सारे राजनीतिक दल इस मुद्दे को अपने तरीके से उठा रहे हैं। कुछ नेता इसे राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि अन्य इसका गंभीरता से लिया जा रहा है।

समाज पर प्रभाव

इस बयान का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या यह हमारे सोचने के तरीके को बदल देगा या यह महज एक राजनीतिक बयान रहेगा? समाज में विभाजन की बातें पहले से ही मौजूद हैं और इसमें यह बयान और अधिक वृद्धि कर सकता है।

निष्कर्ष

नटवरलाल का बयान आतंकवाद और समुदाय के संबंध को लेकर महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने पूर्वाग्रहों को किस प्रकार चुनौती देते हैं। हमें आतंकवाद को एक सामाजिक मुद्दा मान कर इसे उचित संदर्भ में देखना चाहिए।

आखिरकार, आतंकवाद को खत्म करने के लिए एकजुटता और समानता की आवश्यकता है। हम सभी को मिलकर इस समस्या का सामना करना होगा। इस बारे में अपडेट के लिए, netaanagari.com पर जाएं।

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