कांग्रेस बोली- सिंदूर से सौदा और देश से गद्दारी नामंजूर:एयरस्ट्राइक से पहले PAK को अलर्ट करना पाप, केंद्र बोला- ये गलत है

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने भाजपा को 'सिंदूर का सौदागर' कहा। उन्होंने कहा कि ट्रम्प दावा करते रहे कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। भारत काे व्यापार बंद करने की धमकी दी। यानी सिंदूर का सौदा होता रहा और पीएम चुप रहे। इसके साथ ही खेड़ा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से राहुल गांधी के सवाल दोहराए। उन्होंने कहा- विदेश मंत्री ने स्वीकारा है कि उन्होंने एयर स्ट्राइक से पहले पाकिस्तान को जानकारी दे दी थी। अब सरकार बताए, इस वजह से हमने कितने विमान गंवाए। ये कोई गलती नहीं थी, ये एक अपराध था, पाप था। देश का सच्चाई जानने का हक है। इधर, राहुल के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा, 'विदेश मंत्री ने कहा था कि ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। इसे अब ऐसे पेश किया जा रहा है, जैसे ऑपरेशन से पहले उन्हें जानकारी दी गई हो। तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हम इसका विरोध करते हैं।' पवन खेड़ा ने मोरारजी-जिया की बातचीत का जिक्र किया, कहा- वो पाप था, आज भी पाप हुआ पवन खेड़ा ने कहा कि जनता पार्टी, जनसंघ ने मिलकर मोरारजी देसाई (1977-79) को प्रधानमंत्री बनाया था। ये रिकॉर्डेड हिस्ट्री है, हवाबाजी या वॉट्सएप यूनिवर्सिटी की बात नहीं है। मोरारजी देसाई ने जिया-उल-हक (पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति) को फोन पर कहा कि हमें RAW ने बताया है कि आपकी कहूटा में क्या न्यूक्लियर तैयारी चल रही है। पाकिस्तान में हमारा जो इन्फ्रास्ट्रक्चर था, हमारे जो कैंप्स थे, मोरारजी ने सारा डिटेल जिया-उल-हक को बता दिया। इसके बाद कुछ दिनों में हमने पाकिस्तान में RAW के कई लोग गंवा दिए। उनको या तो पाकिस्तान ने गायब कर दिया या मार दिया, हमें नहीं पता। हमारी दशकों की मेहनत को मोरारजी ने जिया को किए एक फोन ने खत्म कर दी। इसलिए मैं कहता हूं कि इनका मुखबिरी का इतिहास है। ये (विदेश मंत्री जयशंकर) मोरारजी देसाई है। गुस्सा हम सबके दिलों में है। हमारे सैनिक पराक्रम दिखाकर पाकिस्तान को घुटने पर ले आते हैं। अचानक डोनाल्ड ट्रम्प आते हैं और कहते हैं- सीजफायर। टीवी चैनल हम सबमें जोश भरते हैं कि इस्लामाबाद कब्जे में आ रहा है, कराची पर हमला हो गया है, लेकिन बीच में डोनाल्ड ट्रम्प आ जाते हैं और मोदी चुप हैं। सिंदूर से सौदा मंजूर नहीं है। देश से गद्दारी मंजूर नहीं है। राहुल ने 3 दिन में दो बार विदेश मंत्री पर निशाना साधा 19 मई: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी X पर लिखा- विदेशमंत्री की चुप्पी निंदनीय है और इससे सब साफ हो रहा है। मैं फिर से पूछूंगा कि उन्हें ऐसा करने का अधिकार किसने दिया, उनके ऐसा करने से हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए? 17 मई: राहुल गांधी ने X पर निजी न्यूज चैनल का वीडियो शेयर कर जयशंकर पर पाकिस्तान को जानकारी देने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा- विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा कि सरकार ने ऐसा किया। उन्हें किसने अधिकार दिया? इसके चलते हमें वायुसेना को कितने विमान गंवाने पड़े? विदेश मंत्रालय ने इसका खंडन किया था। वहीं, DGMO राजीव घई ने कहा था कि ऑपरेशन शुरू होने के बाद हमने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि हम आतंक के अड्डों पर हमला करेंगे। पाकिस्तान ने बातचीत से इनकार कर दिया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। शरद पवार की संजय राउत को नसीहत- आतंकवाद को राजनीति में न घसीटें शरद पवार ने सोमवार को शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत को नसीहत दी है कि आतंकवाद के मुद्दे को राजनीति में न घसीटें। संजय राउत ने रविवार को कहा था कि INDIA ब्लॉक को सरकार के ऑल पार्टी डेलिगेशन का बायकॉट करना चाहिए। बारामती में पवार ने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव ने अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई में यूएन में प्रतिनिधिमंडल भेजा था। जब कोई अंतरराष्ट्रीय मुद्दा होता है तो पार्टी पॉलिटिक्स नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने कुछ प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, उन्हें कुछ देशों में भेजा जाएगा। ये डेलिगेशंस विदेशों में पहलगाम हमला और उसके बाद पाकिस्तान की हरकतों के बारे में बताएंगे। 14 मईः कांग्रेस ने CWC बैठक के बाद सरकार से सवाल पूछे कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की 14 मई को दिल्ली में बैठक हुई थी। इसमें ऑपरेशन सिंदूर पर पार्टी के कुछ नेताओं, जिनमें शशि थरूर भी शामिल हैं, उनके दिए बयानों पर चर्चा की गई। साथ ही केंद्र सरकार पर ऑपरेशन सिंदूर के राजनीतिकरण का आरोप लगाया। ANI के मुताबिक बैठक में कहा गया कि, 'यह निजी विचार व्यक्त करने का समय नहीं है, बल्कि पार्टी के आधिकारिक रुख को स्पष्ट करने का समय है। हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं, और लोग अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं, लेकिन इस बार थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है। CWC के प्रस्ताव में कही गई बातें... -------------------------------------- इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ऑपरेशन सिंदूर- भारतीय डेलिगेशन में थरूर के नाम पर विवाद:कांग्रेस बोली- हमने उनका नाम नहीं दिया; सरकार ने उन्हें एक डेलिगेशन का लीड बनाया केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को डेलिगेशन को लीड करने वाले सांसदों के नाम जारी किए। इसमें कांग्रेस से एकमात्र सांसद शशि थरूर का नाम शामिल है। अब कांग्रेस ने कहा है कि उसने केंद्र को थरूर का नाम नहीं दिया था। पूरी खबर पढ़ें...

May 20, 2025 - 00:37
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कांग्रेस बोली- सिंदूर से सौदा और देश से गद्दारी नामंजूर:एयरस्ट्राइक से पहले PAK को अलर्ट करना पाप, केंद्र बोला- ये गलत है
कांग्रेस बोली- सिंदूर से सौदा और देश से गद्दारी नामंजूर:एयरस्ट्राइक से पहले PAK को अलर्ट करना पाप, केंद्र बोला- ये गलत है

कांग्रेस बोली- सिंदूर से सौदा और देश से गद्दारी नामंजूर: एयरस्ट्राइक से पहले PAK को अलर्ट करना पाप, केंद्र बोला- ये गलत है

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार पर तीखा हमला किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भाजपा को 'सिंदूर का सौदागर' कहकर न only केवल पार्टी की राजनीतिक नैतिकता पर प्रश्न उठाए बल्कि एयरस्ट्राइक से पहले पाकिस्तान को सूचना देने के आरोपों पर भी चर्चा की। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।

कांग्रेस के आरोप और सरकार का जवाब

पवन खेड़ा ने कहा, "विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वीकारा है कि उन्होंने एयरस्ट्राइक से पहले पाकिस्तान को चेतावनी दी थी, जो एक गंभीर गलती है।" उन्होंने पूछा कि इस कारण से भारत ने कितने विमान गंवाए और यह देश के लिए कितनी बड़ी हानि साबित हुई। खेड़ा ने साफ शब्दों में कहा कि यह एक अपराध था, जिसे कोई भी सरकार स्वीकार नहीं कर सकती।

कांग्रेस का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को युद्ध रुकवाने का दावा किया था, जबकि भारत को व्यापार करने की धमकी दी गई थी। इस पर पवन खेड़ा ने सवाल उठाया कि क्या यह सही है कि सरकार अपनी चुप्पी बनाए रखे जबकि देश की सुरक्षा को खतरा है।

केंद्र सरकार ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि विदेश मंत्री ने कहा था कि ऑपरेशन के शुरुआत में पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी, ना कि जानकारी दी गई थी। यह बात ग़लत तरीके से पेश की जा रही है।

कांग्रेस की पिछली त्रासदियों का संदर्भ

पवन खेड़ा ने मोरारजी देसाई और जिया-उल-हक के बीच हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि यह एक पाप था। उनका यह बयान इस बात पर जोर देता है कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों को सहेजना और उनका सही तरीके से पेश करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्डेड हिस्ट्री है और ऐसे ऐतिहासिक तथ्य दूसरों को समझना भी चाहिए।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और सामूहिकता की आवश्यकता

इस पूरे मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ नेता शरद पवार ने कहा है कि आतंकवाद को राजनीति में लाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, "जब कोई अंतरराष्ट्रीय मुद्दा होता है, तो हमें राजनीति से परे जाकर काम करना चाहिए।" उनका यह बयान दर्शाता है कि राजनीतिक दलों को एकत्रित होकर काम करने की आवश्यकता है, बजाय इसके कि वे एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहें।

सभी दलों को मिलकर सरकारी प्रतिनिधिमंडल को समर्थन देना चाहिए, जो आतंकवाद और सीमा पार के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जाएंगे।

निष्कर्ष

इस घटना के माध्यम से कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट किया है और यह दिखाने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी देश के हितों के लिए दृढ़ है। वहीं, केंद्र सरकार का यह कहना कि आरोप गलत हैं, दर्शाता है कि राजनीतिक झगड़ों के बावजूद देश की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे दोनों पक्ष अपनी स्थिति को आगे बढ़ाते हैं और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

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लेखक: साक्षी शर्मा, रिया वर्मा, टीम नेटानगरी

Keywords:

Congress, Pawan Khera, Airstrike, Pakistan, Jaishankar, BJP, National Security, Political Ethics, Sharad Pawar

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