मेलबर्न में हिंदू विरोधी भित्तिचित्रों की घटना: श्री स्वामीनारायण मंदिर पर नफरती संदेश
मेलबर्न। आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में एक हिंदू मंदिर और दो एशियाई रेस्तरां को नस्लवादी भित्तिचित्रों से विकृत कर दिया गया, जिसके बाद यहां रहने वाले समुदाय के सदस्यों के बीच चिंता बढ़ गई है। बृहस्पतिवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया। ऑस्ट्रेलिया टुडे वेब पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, मेलबर्न के पूर्वी उपनगर बोरोनिया में वाडहर्स्ट ड्राइव पर स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर सोमवार सुबह लाल रंग से नस्लवादी बातें लिखी गईं। इसमें कहा गया है कि बोरोनिया रोड पर स्थित दो रेस्तरां पर भी उसी दिन एक ही तरह के अपशब्द लिखे गए। रिपोर्ट में...

मेलबर्न में हिंदू विरोधी भित्तिचित्रों की घटना: श्री स्वामीनारायण मंदिर पर नफरती संदेश
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मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हाल ही में एक हिंदू मंदिर और दो एशियाई रेस्तरां पर नस्लवादी भित्तिचित्रों के साथ हमला किया गया है, जिसने स्थानीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है। यह घटना सोमवार सुबह मेलबर्न के पूर्वी उपनगर बोरोनिया में घटित हुई, जहां श्री स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर लाल रंग से नस्लीय अपशब्द लिखे गए। इसी दिन बोरोनिया रोड पर दो अन्य रेस्तरां को भी नहीं बख्शा गया।
घटना का विवरण
ऑस्ट्रेलिया टुडे द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, विक्टोरिया पुलिस ने इन नस्लीय अपशब्दों के लिखे जाने की पुष्टि की है। पुलिस ने इस प्रकार के घृणा-आधारित व्यवहार को अस्वीकार्य बताया है। हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष मकरंद भागवत ने इस आपराधिक कृत्य को हमारी पहचान और धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला करार दिया है। उनकी बात को विक्टोरिया की प्रधानमंत्री जसिंटा एलन ने भी समर्थन दिया, जिन्होंने इसे नफरत और नस्लवाद से भरा हुआ बताया।
जसिंटा एलन ने मंदिर प्रबंधन को निजी संदेश देते हुए कहा कि यह घटना न केवल भयभीत करने का प्रयास थी, बल्कि एक जानबूझकर किया गया कृत्य था।
समुदाय का समर्थन और प्रतिक्रिया
इस घृणात्मक घटना के बाद, मेलबर्न में हिंदू समुदाय ने व्यापक समर्थन की अपील की है। यह मामला हिंदू समाज के बीच एक प्रमुख मुद्दा बन गया है, जिसके चलते विभिन्न अंतरधार्मिक समूहों ने इस तरह की भेदभाव आधारित क्रियाकलापों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की आवश्यकता को महसूस किया है। वे सभी संगठनों ने बताया है कि यह घटना मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
कई संगठनों ने इस मुद्दे पर सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करने की भी योजना बनाई है ताकि समाज में इस तरह के घृणा भरे व्यवहार के खिलाफ सामूहिक आवाज उठाई जा सके।
निष्कर्ष
यह घटना मेलबर्न में धार्मिक सहिष्णुता की आवश्यकता को फिर से उजागर करती है। हिंदू समुदाय को इस स्थिति का सामूहिक सामना करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। इस प्रकार के कृत्यों का अर्थ केवल हमारे अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह एक स्वस्थ समाज के निर्माण में बाधा भी डालता है। हमें उम्मीद है कि स्थानीय सरकार और अन्य संगठनों द्वारा इस मुद्दे पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
कम शब्दों में कहें तो, यह घटना हमें एकजुटता और सहिष्णुता का महत्व समझाने का एक अवसर प्रदान करती है।
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सादर,
टीम नेटा नगरी
सिया शर्मा
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