गोंडा मेडिकल कॉलेज: 22 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की बर्खास्तगी से हड़कंप, प्रशासन का बड़ा फैसला

गोंडा, अमृत विचार: स्थानीय मेडिकल कॉलेज मे सेवा दे रहे 22 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की सेवा समाप्त किए जाने का फरमान जारी किया गया है। महाविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी आदेश से हड़कंप मचा हुआ है।  स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से जारी आदेश में कहा गया है नीट परीक्षा वर्ष 2018-19 बैच के अभ्यर्थियों को अनिवार्य सेवा बांड के तहत 96 पद के सापेक्ष 71 अभ्यर्थियों को गोंडा मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया है। जिनको आगामी 28 जून को कार्यभार ग्रहण करना है।  मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेजिडेंट दे रहे हैं सेवा इस आदेश के...

Jun 24, 2025 - 18:37
 159  501.8k
गोंडा मेडिकल कॉलेज: 22 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की बर्खास्तगी से हड़कंप, प्रशासन का बड़ा फैसला
गोंडा : मेडिकल कॉलेज के 22 जूनियर रेजिडेंट बर्खास्त, सेवा समाप्ति नोटिस से मचा हड़कंप

गोंडा मेडिकल कॉलेज: 22 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की बर्खास्तगी से हड़कंप, प्रशासन का बड़ा फैसला

गोंडा, अमृत विचार: हाल में जारी हुए आदेश के तहत, स्थानीय मेडिकल कॉलेज में कार्यरत 22 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इस फैसले ने चिकित्सा क्षेत्र में भारी हड़कंप मचाया है। जानकारी के अनुसार यह निर्णय प्रशासन द्वारा तब लिया गया जब नए बैच के लिए नियुक्तियों की तैयारी की जा रही थी। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari

सेवा समाप्ति का आदेश

मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि नीट परीक्षा 2018-19 बैच के छात्रों के अंतर्गत 96 पदों के विपरीत 71 नए अभ्यर्थियों को गोंडा मेडिकल कॉलेज में नियुक्त किया गया है। इन अभ्यर्थियों को आगामी 28 जून को कार्यभार ग्रहण करना है, जिसके लिए मौजूदा 22 रेजिडेंट डॉक्टरों को अपनी सेवा समाप्त करनी होगी।

जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की स्थिति

इस आदेश ने उन सभी जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है, जो इस महाविद्यालय में चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर रहे थे। इनमें डॉ. आनंद स्वरूप श्रीवास्तव, दीपक सिंह, प्रत्यूष आनंद श्रीवास्तव, जैसे कई डॉक्टर शामिल हैं। सभी डॉक्टरों को सूचित किया गया है कि उनकी सेवा अगले 27 जून तक समाप्त हो जाएगी। इसके अलाव, हॉस्टल में निवास कर रहे डॉक्टरों को भी तत्काल हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया गया है।

नए बैच के आने की तैयारी

प्राचार्य डॉ. धनंजय श्रीकांत कोटा के अनुसार, नए बैच के आगमन के चलते मौजूदा डॉक्टरों को हटाना जरूरी था। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब इन डॉक्टरों ने कॉलेज में जॉइन किया था, तब उन्हें यह जानकारी दी गई थी कि अगले बैच के आने पर कुछ डॉक्टरों को हटाना होगा। इस संदर्भ में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का आदेश अनिवार्य था।

चुनौतियाँ और सामाजिक प्रभाव

गौरतलब है कि डॉक्टरों की बर्खास्तगी से मरीजों की चिकित्सा सेवाओं में बाधा उत्पन्न होने की संभावना जताई जा रही है। लंबे समय से यहाँ इलाज करा रहे मरीजों को नए डॉक्टरों के साथ पुनः चिकित्सा प्रक्रिया में शामिल होना पड़ सकता है, जो उनकी देखभाल में समस्या उत्पन्न कर सकता है।

स्थानीय समुदाय की चिंताएँ

स्थानीय समाजसुधारक और अभिभावक इस निर्णय के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि ऐसे कदम से स्वास्थ्य सेवायें प्रभावित होंगी। उनका आग्रह है कि प्रशासन को इन डॉक्टरों की सेवा को जारी रखना चाहिए ताकि मरीजों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहें।

निष्कर्ष

गोंडा मेडिकल कॉलेज में 22 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की बर्खास्तगी का आदेश प्रशासन की ओर से लिया गया एक गंभीर निर्णय है। यह कदम चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है, और इसका प्रभाव मरीजों और समाज पर पड़ सकता है। देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे को कैसे प्रबंधित करता है। हमें उम्मीद है कि स्वास्थ्य विभाग इस निर्णय पर पुनर्विचार करेगा।

गोंडा के इस घटनाक्रम पर हम आपको लगातार अपडेट प्रदान करते रहेंगे। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर और अपडेट्स देखें।

लेखिका: साक्षी तिवारी, नेहा शर्मा, टीम नेटआनागरी

Keywords:

Gonda, medical college, junior residents, service termination, health services, NEET exam, government order, medical administration, healthcare professionals, patient care

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow