कैंसर के इलाज के दौरान खाने-पीने में होने वाली मुश्किलें और उनके समाधान: जानें महत्वपूर्ण टिप्स
कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज अक्सर लंबा और थकाने वाला होता है। इलाज के दौरान मरीजों को शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक बड़ी चुनौती होती है… खाने-पीने की इच्छा कम हो जाना। आपने भी देखा या सुना होगा कि … The post कैंसर के इलाज में क्यों होता है खाना-पीना प्रभावित? जानें राहत के आसान उपाय! appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

कैंसर के इलाज के दौरान खाने-पीने में होने वाली मुश्किलें और उनके समाधान: जानें महत्वपूर्ण टिप्स
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कम शब्दों में कहें तो, कैंसर एक गंभीर रोग है, जिसका उपचार अक्सर लंबा और थकाने वाला होता है। इलाज के दौरान मरीज विभिन्न शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण समस्या होती है… खाने-पीने की इच्छा में कमी आना। क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों कैंसर के मरीजों को इलाज के दौरान भोजन का स्वाद बदल जाता है या उन्हें भूख कम लगती है? आइए, इस विषय पर करीबी नज़र डालते हैं।
कैंसर और इसके इलाज का खाने की आदतों पर प्रभाव
कैंसर और उसके उपचार प्रक्रिया शरीर के मेटाबॉलिज़्म और पाचन तंत्र पर गहरा प्रभाव डालते हैं। विशेषकर, यदि कैंसर मुंह, गले, पेट या आंतों से संबंधित है, तो निगलने में समस्या हो सकती है। साथ ही कीमोथेरेपी के प्रभाव से मतली, उल्टी, स्वाद का बदलना और रेडियोथेरेपी से मुंह का सूखना, दर्द या दस्त जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
इसके अलावा, थकान, कमजोरी और मानसिक दबाव भी भोजन बनाने या खाने की इच्छा को कम कर सकता है। नतीजतन, मरीजों को भूख की कमी, वजन में कमी, शरीर में कमजोरी, और इम्युनिटी में कमी का सामना करना पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, कैंसर के इलाज के दौरान भूख न लगना, स्वाद में परिवर्तन और पाचन समस्याएं आम हैं। इनसे ध्यान न दिया जाए तो मरीज कुपोषित हो सकते हैं।
इलाज के दौरान खानपान से जुड़ी चुनौतियाँ और उनके समाधान
1. भूख कम लगना
- कई मरीजों को उपचार के दौरान जल्दी भरने का अनुभव होता है।
- यह स्थिति वजन में कमी और शरीर की कमजोरी का कारण बन सकती है।
- समाधान:
- दिन में तीन बार भोजन लेना अनिवार्य है।
- पोषण से भरपूर पदार्थ जैसे स्मूदी, नट बटर, और शेक का सेवन करें।
- हल्का और बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाना बेहतर होता है।
2. स्वाद का बदलना
- कई मरीजों को अनुभव होता है कि भोजन का स्वाद बहुत फीका लगता है या उन्हें उल्टी जैसा अनुभव होता है।
- समाधान:
- तेज और महक वाली चीजों को खाने से बचें।
- ठंडी चीजें जैसे दही, सलाद या सैंडविच का सेवन करें।
- नींबू, पुदीना, या अन्य हर्ब्स से स्वाद को बढ़ा सकते हैं।
3. उल्टी और अपच
- कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी के कारण मतली, उल्टी और गैस की समस्या हो सकती है।
- समाधान:
- अदरक की चाय लेना लाभकारी हो सकता है, साथ ही हल्का और साधारण भोजन जैसे उबले चावल या टोस्ट खाएं।
- तैलीय और मसालेदार चीजों से दूर रहें।
4. पाचन संबंधी समस्याएं
- इलाज के दौरान मरीजों को कब्ज, दस्त या पेट फूलने की समस्या अनुभव हो सकती है।
- समाधान:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- कब्ज की समस्या होने पर हल्का फाइबर (जैसे दलिया, ओट्स) लें।
- दस्त की स्थिति में लो-फाइबर डाइट जैसे केला या चावल का सेवन करें।
कैंसर के उपचार के दौरान खानपान बहुत महत्वपूर्ण होता है। सही डाइट न केवल कमजोरी को रोकता है बल्कि शरीर को उपचार सहन करने में भी सहायता करती है। इसलिए, मरीजों को खानपान से संबंधित समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह लेनी चाहिए। याद रहे, भोजन सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं है, बल्कि यह शरीर को स्वस्थ रखने की ताकत देता है।
यह जानकारी न केवल रोगियों को मदद करने के लिए है, बल्कि यह भी बताती है कि खानपान और पोषण के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है। सही खानपान मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकता है।
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सादर,
टीम नेतागरी
कल्पना शर्मा
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