उत्त्तराखंड में मेडिकल फैकल्टी के लिए नई स्थानांतरण नीति बनाई जाएगी: डॉ. धन सिंह रावत

चिकित्सा शिक्षा विभाग में होगी शत-प्रतिशत नियुक्ति व प्रमोशन कहा, पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों के मानदेय में होगी वृद्धि देहरादून: चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों में तैनात मेडिकल फैकल्टी के लिये पृथक स्थानांतरण नीति बनाई जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुये नई स्थानांतरण नीति […] Source Link: सूबे में मेडिकल फैकल्टी के लिये बनेगी पृथक स्थानांतरण नीतिः डॉ. धन सिंह रावत

Jul 2, 2025 - 09:37
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उत्त्तराखंड में मेडिकल फैकल्टी के लिए नई स्थानांतरण नीति बनाई जाएगी: डॉ. धन सिंह रावत
सूबे में मेडिकल फैकल्टी के लिये बनेगी पृथक स्थानांतरण नीतिः डॉ. धन सिंह रावत

उत्त्तराखंड में मेडिकल फैकल्टी के लिए नई स्थानांतरण नीति बनाई जाएगी: डॉ. धन सिंह रावत

चिकित्सा शिक्षा विभाग में 100% नियुक्ति एवं प्रमोशन की बात कही गई

परंतु, पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों के मानदेय में वृद्धि भी की जाएगी

देहरादून: उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों में तैनात मेडिकल फैकल्टी के लिए पृथक स्थानांतरण नीति बनाई जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सभी आवश्यक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नई स्थानांतरण नीति विकसित करने का निर्देश दिया गया है। यह महत्वपूर्ण घोषणा की गई प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा, जो राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में ‘डॉक्टर ऑफ द ईयर अवार्ड-2025’ कार्यक्रम में उपस्थित थे।

नई स्थानांतरण नीति का उद्देश्य

डॉ. रावत ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। इनमें राजकीय चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ, एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की भरपूर नियुक्ति शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि मेडिकल कॉलेजों में नवीनतम चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे रोगियों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।

नई स्थानांतरण नीति का उद्देश्य मेडिकल फैकल्टी के स्थानांतरण को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से सुनिश्चित करना है ताकि सभी कार्मिकों को उनके स्थानांतरण के संदर्भ में कोई भ्रम न रहे। इसके साथ ही, डॉ. रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस प्रक्रिया का बारीकी से अध्ययन करें।

पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों के लिए विशेष योजनाएं

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों के मानदेय में वृद्धि करेगी। उनका मानना है कि इससे अधिक से अधिक चिकित्सक पहाड़ी क्षेत्रों में सेवा देने के लिए प्रेरित होंगे और उनकी सेवा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

यही नहीं, डॉ. रावत ने यह भी संकेत दिया कि विभाग में लम्बे समय से रिक्त पदों को भरा जाएगा और कार्मिकों को प्रमोशन का भी लाभ दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि विभाग में 100% पदोन्नति का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।

सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देना

कार्यक्रम के दौरान, डॉ. रावत ने चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चिकित्सकों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। यह कार्यक्रम न केवल चिकित्सकों को उनके कार्य के प्रति समर्पण के लिए प्रशंसा करता है, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में उच्च मानकों की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।

कार्यक्रम में उच्च शैक्षणिक अधिकारी जैसे कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के प्रो. ओंकार सिंह, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरूण त्रिपाठी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, और दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीता जैन उपस्थित थे।

इस तरह के प्रयास न केवल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने में सहायक होंगे, बल्कि चिकित्सा पेशेवरों को भी एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने का अवसर देंगे।

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कम शब्दों में कहें तो, चिकित्सा शिक्षा विभाग नई स्थानांतरण नीति लागू कर रहा है, जिससे प्रदेश में चिकित्सकों के लिए काम करना और भी बेहतर होगा, साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में मानदेय में वृद्धि के माध्यम से सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।

स्रोत: टीम नेटा नगरी - प्रिया शर्मा

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