उत्तराखंड को "ड्रग फ्री" बनाने के लिए FDA का महत्वपूर्ण प्रयास: स्वास्थ्य सचिव का निरीक्षण

नकली दवाओं और ड्रग्स पर ज़ीरो टॉलरेंस – स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का FDA मुख्यालय में औचक निरीक्षण 450 से अधिक मेडिकल स्टोरों और 65 मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स पर… Source Link: “ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” : मुख्यमंत्री के संकल्प को ज़मीनी मुक़ाम देने में जुटा FDA

Sep 12, 2025 - 09:37
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उत्तराखंड को "ड्रग फ्री" बनाने के लिए FDA का महत्वपूर्ण प्रयास: स्वास्थ्य सचिव का निरीक्षण
उत्तराखंड को "ड्रग फ्री" बनाने के लिए FDA का महत्वपूर्ण प्रयास: स्वास्थ्य सचिव का निरीक्षण

उत्तराखंड को "ड्रग फ्री" बनाने के लिए FDA का महत्वपूर्ण प्रयास

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने के लिए FDA की टीम ने 450 से अधिक मेडिकल स्टोरों और 65 मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स पर छापेमारी की, जिससे स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री के संकल्प को ज़मीनी हकीकत बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शुरू किए गए “ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” अभियान को नई गति देने के लिए स्वास्थ्य सचिव एवं खाद्य सुरक्षा तथा औषधि प्रशासन (FDA) के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने हाल ही में FDA मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य विभागीय कार्यों की समीक्षा करना था। निरीक्षण के दौरान अधिकारीगण विभागीय गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की, जिसमें प्रशासनिक कार्यों की प्रगति का आकलन किया गया।

मुख्यमंत्री का संकल्प - ज़मीनी स्तर पर ठोस कार्य

डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के “ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” का मिशन विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह केवल एक नाराज़ा नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए सुरक्षित, स्वास्थ्यपूर्ण और नशामुक्त वातावरण बनाने का ठोस प्रयास है।

छापेमारी में बढ़ती गती, सकारात्मक परिणाम

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अब तक 450 से अधिक मेडिकल स्टोरों और 65 मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई क्विक रिस्पॉन्स टीम की तैनाती के बाद तेज़ी से की गई है। इसके अलावा, नेपाल बॉर्डर पर सर्विलांस में भी वृद्धि की गई है ताकि नशीले पदार्थों और नकली दवाओं के मामलों में रोकथाम सुनिश्चित हो सके।

ज़ीरो टॉलरेंस नीति

नकली दवाओं और नशीले पदार्थों के खिलाफ डॉ. आर. राजेश कुमार ने ज़ीरो टॉलरेंस नीति को लागू किया है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी और छापामारी की गति और दायरा बढ़ाए जाएंगे। स्वास्थ्य सचिव ने यह भी बताया कि दवा की गुणवत्ता न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि समाज के विश्वास के लिए भी महत्वपूर्ण है, इसलिए बाजार में उपलब्ध हर दवा को वैज्ञानिक मानकों पर खरा उतरना आवश्यक है।

तेज़ी से बढ़ती जांच क्षमता

निरीक्षण के दौरान डॉ. आर. राजेश कुमार ने FDA के फूड और कॉस्मेटिक्स लैब का भी जायज़ा लिया। वर्तमान में विभाग के पास तीन मोबाइल वैन हैं, जो विभिन्न स्थानों पर सैंपल ले रही हैं। अगले दो से तीन महीनों में भारत सरकार से स्वीकृत 10 और मोबाइल वैन मिलेगी, जिससे जांच की प्रक्रिया तेज़ होगी।

प्रवर्तन कार्यों को मजबूती देने के नए कदम

बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जैसे कि 18 नए औषधि निरीक्षकों को प्रवर्तन कार्यों के स्पष्ट लक्ष्य देना और रिकॉर्ड्स के रखरखाव में एकरूपता लाना। इसके अतिरिक्त, आधिकारिक रोज़गार को दुरुस्त करने और न्यायालय में लंबित मामलों की प्रभावी पैरवी के लिए कदम उठाए गए हैं।

भविष्य की योजनाएँ

डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि अगले तीन महीनें विभाग के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। विभागीय कार्यों की गति को बढ़ाने के लिए अंतरराज्यीय समन्वय को और मज़बूत किया जाएगा। इस दौरान दवा और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांचने के लिए नए उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा।

इस प्रकार, “ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” अभियान के तहत विभाग ने ठोस कदम उठाए हैं, जो राज्य को सुरक्षित, स्वस्थ और नशामुक्त बनाने में मदद करेंगे।

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सादर,
टीम नेटा नगरी
राधिका शर्मा

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