उत्तर प्रदेश का हरित आवरण और फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक में बढ़ोतरी, 3.72% वृक्षावरण वृद्धि की मिली जानकारी
लखनऊ। पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण वृद्धि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहे उत्तर प्रदेश में हरित आवरण और फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक में भी राष्ट्रीय औसत से तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है। भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून की वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 तक यूपी के वन क्षेत्रों के बाहर वृक्षावरण में 3.72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय औसत 3.41 प्रतिशत से अधिक है। इसके अलावा, फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक में 2.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि राष्ट्रीय औसत 1.13 प्रतिशत से लगभग दोगुनी है। जिस आधार पर लगभग 72 मिलियन टन कार्बन...

उत्तर प्रदेश का हरित आवरण और फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक में बढ़ोतरी, 3.72% वृक्षावरण वृद्धि की मिली जानकारी
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लखनऊ। पर्यावरण संरक्षण में उत्तर प्रदेश के प्रयास अब नए मुकाम पर पहुंच चुके हैं। हाल ही में भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा जारी वन स्थिति रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में हरित आवरण और फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक में राष्ट्रीय औसत से अधिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2023 तक, यूपी के वन क्षेत्रों के बाहर वृक्षावरण में 3.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि राष्ट्रीय औसत 3.41 प्रतिशत पर है। इसके साथ ही, फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक में 2.46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि राष्ट्रीय औसत 1.13 प्रतिशत से लगभग दोगुना है।
पौधरोपण महा अभियान की सफलता
यूपी में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ थीम के तहत चलाए जा रहे पौधरोपण महा अभियान ने इस वर्ष 37.21 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में 240 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं, जो कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 से लेकर 2024-25 तक रोपित की गई पौधों की जीवितता दर 86.67 प्रतिशत है, जिससे इस अभियान की सफलता को दर्शाता है।
फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक में बढ़ोतरी
फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक में 2.46 प्रतिशत की वृद्धि को देखकर पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। इस वृद्धि के अनुसार, लगभग 72 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण का अनुमान है, जो ग्रीन हाउस गैसों के प्रभाव को कम करने में सहायक होगा।
हरित आवरण की वृद्धि का महत्व
2020-21 से 2024-25 के बीच लगाए गए पौधों में से 86.67 प्रतिशत से अधिक पौधे जीवित रहने की रिपोर्ट है, जो न केवल ग्रीन कवर एरिया को बढ़ा रहे हैं बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाने में भी मदद कर रहे हैं। यूपी में हरित आवरण में 5 लाख एकड़ की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को प्रदर्शित करता है।
उत्तर प्रदेश की प्रमुख उपलब्धियाँ
वृक्ष और वन आवरण के क्षेत्र में यूपी की वृद्धि दर 9.18 से बढ़कर लगभग 10 प्रतिशत हो गई है। 2017 से 2023 के बीच वृक्षावरण में लगभग 5 लाख एकड़ की वृद्धि ने उत्तर प्रदेश को इस क्षेत्र में दूसरे स्थान पर पहुँचाया है। यह उपलब्धि न केवल प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
वन विभाग की विशेष मॉनिटरिंग
वन विभाग ने पौधों की जीवितता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष मॉनिटरिंग प्रणाली विकसित की है। उन्होंने वर्ष 2021-22 में 76.87 प्रतिशत, 2022-23 में 83.73 प्रतिशत, 2023-24 में 90.04 प्रतिशत और 2024-25 में 96.06 प्रतिशत पौधों की जीवितता दर्ज की है। यह आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
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इस प्रकार, उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू लिया है। यह न केवल प्रदेश के लिए उत्साहवर्धक है, बल्कि सम्पूर्ण भारत के लिए एक प्रेरणा भी है। रिपोर्ट हमें यह बताती है कि सामूहिक प्रयास से हम जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से प्रभावी तरीके से निपट सकते हैं।
स्रोत: भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून
लेखिका: साक्षी शर्मा, रितु गुप्ता, टीम नेटआनागरी
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