आपातकाल की यादें: डा. नरेश बंसल ने दी कांग्रेस पर कड़ा बयान, लोकतंत्र पर कलंक कभी न भुलाने वाला

भाजपा राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष व सांसद राज्यसभा डा.नरेश बंसल ने कहा की निरंकुश,सत्ता के मद मे चूर,खुद को सबसे ऊपर मानने वाली,जनता के विद्रोह व न्यायापालिका के आदेश से घबराई प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25जून 1975 को भारतीय लोकतंत्र की हत्या करते हुए भारतीय इतिहास के काले अध्याय आपातकाल को लागू कर दिया था। जिसके तहत […] The post Emergency Anniversary:-राज्यसभा सांसद डा.नरेश बंसल ने कहा-आपातकाल कभी न भुलाए जाने वाला लोकतंत्र पर कलंक,कांग्रेस संविधान हत्या के पाप से कभी मुक्त नहीं होगी appeared first on संवाद जान्हवी.

Jun 26, 2025 - 09:37
 102  501.8k
आपातकाल की यादें: डा. नरेश बंसल ने दी कांग्रेस पर कड़ा बयान, लोकतंत्र पर कलंक कभी न भुलाने वाला
Emergency Anniversary:-राज्यसभा सांसद डा.नरेश बंसल ने कहा-आपातकाल कभी न भुलाए जाने वाला लोकतंत्र पर कलंक,कांग्रेस संविधान हत्या के पाप से कभी मुक्त नहीं होगी

आपातकाल की यादें: राज्यसभा सांसद डा. नरेश बंसल का बयान

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari

भाजपा के राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद डा. नरेश बंसल ने हाल ही में आपातकाल की वर्षगांठ पर बोलते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गहरा कलंक बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस संविधान हत्या के पाप से कभी भी मुक्त नहीं हो सकेगी, जिससे राजनीतिक जगत में एक बार फिर चर्चा का माहौल गरमा गया है।

आपातकाल का काला अध्याय

डा. बंसल ने 25 जून 1975 का जिक्र करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल लागू किया था। उन्होंने कहा, “निरंकुश, सत्ता के मद में चूर इंदिरा गांधी ने जनता के विद्रोह व न्यायपालिका के आदेश से घबराकर इस कदम को उठाया।” इस दौरान नागरिकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया गया, जिसमें विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी भी शामिल थी।

संविधान हत्या दिवस

भाजपा ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मान्यता दी है। डा. बंसल ने कहा कि इस दिन को समर्पित करते हुए पार्टी देशभर में कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है, ताकि नई पीढ़ी को आपातकाल के काले अध्याय से अवगत कराया जा सके। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि युवा जानें कि उस समय लोकतंत्र की रक्षा के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा।

निजी अनुभव और संघर्ष

डा. बंसल ने जीवंत अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे उस समय के राष्ट्रीय स्वयंसेवक दल का हिस्सा थे, जिसने सरकार के खिलाफ भूमिगत आंदोलन चलाया। उन्होंने कहा, “हमने सरकार के खिलाफ प्रचार सामग्री वितरित की, मीटिंगें कीं और दीवारों पर भी लिखा। यह सब हमने अपनी जान की परवाह किए बिना किया।” उनका संघर्ष सफल रहा, जिसके फलस्वरूप इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी।

निष्कर्ष: लोकतंत्र की रक्षा का संदेश

डा. नरेश बंसल के बयान ने आपातकाल की भयानक घटनाओं को फिर से ताजा कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना आज भी भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है। उनके शब्दों में, “कांग्रेस कभी इस पाप से मुक्त नहीं हो सकेगी।” यह संदेश नई पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है, ताकि वे भविष्य में अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए सचेत रहें।

इसके अलावा, अधिक जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट पर विजिट करें netaanagari.com

सादर,
टीम नेटaa नागरी
ऐश्वर्या शर्मा

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow