अमेरिका में भारतीय होटल प्रबंधक की हत्या पर डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी प्रतिक्रिया

ह्यूस्टन। अमेरिका के डलास में भारतीय मूल के एक होटल प्रबंधक की सिर कलम कर बेरहमी से हत्या किए जाने की घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडन सरकार के कार्यकाल में बनायी आव्रजन नीति की कड़ी आलोचना की। सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर ट्रंप ने हमलावर को ‘‘अवैध अप्रवासी’’ बताया और कहा कि उसे देश से निकाल देना चाहिए था। ऐसा न किए जाने के लिए ट्रंप ने बाइडन की उदार नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘इन अवैध अप्रवासी अपराधियों के प्रति अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।’’ टेक्सास प्रांत में 10 सितंबर को ‘डाउनटाउन...

Sep 15, 2025 - 09:37
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अमेरिका में भारतीय मूल के नागरिक की हत्या पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप

ह्यूस्टन। अमेरिका के डलास में भारतीय मूल के होटल प्रबंधक की बेरहमी से हत्या की घटना ने राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हत्या के लिए जो बाइडन की एव्रिजन नीति की तीखी आलोचना की है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर टिप्पणी की कि यह हत्या एक ‘अवैध अप्रवासी’ द्वारा की गई है और इस संदर्भ में बाइडन प्रशासन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।

कम शब्दों में कहें तो, ट्रंप ने कहा कि अब अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना 10 सितंबर को टेक्सास प्रांत के ‘डाउनटाउन सुइट्स’ होटल में हुई, जहाँ एक होटल प्रबंधक का सिर उसकी पत्नी और बेटे के सामने कलम कर दिया गया था।

ट्रंप ने कहा, “इन अवैध अप्रवासी अपराधियों के प्रति अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।” उनकी यह टिप्पणी इस बात को दर्शाती है कि वह शरणार्थियों और अवैध प्रवासियों के प्रति अपने दृष्टिकोण को और अधिक कड़ा करना चाहते हैं।

वास्तव में, 50 वर्षीय चंद्र मौली ‘बॉब’ नागमल्लैया, जो कर्नाटक से थे, की हत्या उनके सहकर्मी योर्डानिस कोबोस-मार्टिनेज (37) ने की। दोनों के बीच एक खराब वॉशिंग मशीन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, जो बाद में एक हिंसक मुठभेड़ में बदल गया। कोबोस ने चाकू से नागमल्लैया पर हमला किया, और यह सब उनकी पत्नी और बेटे के सामने हुआ। समाचार में उल्लेख किया गया था कि यह घटना सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हुई है।

डलास पुलिस विभाग के अनुसार, कोबोस का आपराधिक इतिहास रहा है और उसे पहले भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, क्यूबा द्वारा उसके निर्वासन को अस्वीकार करने के बाद उसे जनवरी 2025 में रिहा कर दिया गया था। यह असंगतता कहीं न कहीं बाइडन प्रशासन की नीतियों का परिणाम प्रतीत होती है, जिसके तहत ऐसे संदिग्धों को किस तरह देखा जाता है, यह सवाल उठता है।

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यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह अमेरिका में प्रवासी समुदाय के प्रति आम मानसिकता पर भी सवाल खड़ा करता है। विशेष रूप से, राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान स्पष्ट करता है कि उनकी वापसी की राजनीति अभी भी प्रवासियों के खिलाफ एक कठोर दृष्टिकोण को अपनाएगी।

यदि अमेरिका में ऐसे अपराधों की संख्या बढ़ती है, तो यह निश्चित रूप से वैध प्रवासियों और भारतीय मूल के लोगों के लिए चिंता का विषय बन जाएगा। इस मुद्दे पर चर्चा को और अधिक व्यापक बनाने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

इस मामले में आपकी राय क्या है? क्या आपको लगता है कि अमेरिका में प्रवासा नीतियों में बदलाव की आवश्यकता है? हमें अपने विचार साझा करें। अधिक जानकारी के लिए, कृपया Netaa Nagari पर जाएं।

सादर, टीम नेटा नगरी - सुमन शर्मा

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