अखिलेश यादव का पूजा पाल के आरोपों पर सख्त जवाब, कहा- ''यह पत्र किसने लिखा है?''

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित और कौशांबी जिले के चायल की विधायक पूजा पाल ने सोमवार को सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनकी जान को माफिया और सपा द्वारा कथित रूप से संरक्षण प्राप्त गुंडों से खतरा है। अखिलेश यादव को संबोधित एक पत्र सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें पूजा पाल ने सपा शासन के दौरान 2005 में अपने पति राजू पाल की हत्या का जिक्र किया और पार्टी पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। इस पर यादव ने कहा कि आखिर उनसे यह...

Aug 25, 2025 - 18:37
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अखिलेश यादव का पूजा पाल के आरोपों पर सख्त जवाब, कहा- ''यह पत्र किसने लिखा है?''

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित कौशांबी जिले के चायल की विधायक पूजा पाल ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूजा ने कहा कि उन्हें माफिया और सपा द्वारा संरक्षित गुंडों से जान का खतरा है। यह विवाद तब उभरा जब पूजा पाल ने अखिलेश यादव को एक पत्र लिखा, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पत्र में उन्होंने 2005 में अपने पति राजू पाल की हत्या का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि सपा ने गुंडों को संरक्षण दिया है। कम शब्दों में कहें तो, पूजा पाल के आरोपों ने पहले से ही उथल-पुथल में चल रहे राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है।

पत्र में क्या जानकारी दी गई है?

पूजा पाल ने पत्र में विस्तार से यह स्पष्ट किया कि उन्हें राज्यसभा चुनाव में क्रॉस-वोटिंग के आरोप में निष्कासित किया गया, मगर असली कारण यह था कि उन्होंने विधानसभा में माफिया अतीक अहमद का नाम लिया। उन्होंने कहा, "जब समाजवादी पार्टी सत्ता में थी, तब मेरे पति की दिन दहाड़े हत्या हुई। इस मामले की गहराई में जाने के बाद मुझे यह स्पष्ट हुआ कि पार्टी ने मेरी जान की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं की।"

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

इस विवाद पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह पत्र कौन लिखवा रहा है? क्या यह डिप्टी सीएम या कोई और है?" उन्होंने पूंछा कि पूजा पाल को किसने धमकी दी है और उनकी पार्टी ने इस मामले में पहले ही जांच की मांग की है। यादव का कहना था कि मुद्दे का गंभीरता से पता लगाया जाना चाहिए।

समाजवादी पार्टी का रुख

समाजवादी पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूजा पाल के आरोपों की स्वतंत्र जांच के लिए आवेदन दिया है। पार्टी अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए आलोचना की और पूजा पाल को स्पष्ट करने के लिए कहा कि उन्हें धमकी किसने दी।

पूजा पाल का संघर्ष

पूजा पाल ने यह जानकारी भी दी कि उनका मुख्य उद्देश्य अपने पति के हत्यारों को न्याय दिलाना है। वह योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा करती हैं क्योंकि उनके अनुसार, यह सरकार उनके पति के हत्यारों को सजा दिलाने में सक्षम रही है। पूजा ने बताया, "समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को तीन चुनावों में मेरे खिलाफ खड़ा किया, जबकि उस समय मुझे समर्थन की आवश्यकता थी।"

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और चिंताएँ

इस पूरे मामले ने एक बार फिर से राजनीति में सुरक्षा और संरक्षण की गंभीरता को उजागर किया है। क्या सच में सपा ने माफियाओं को संरक्षण दिया है? क्या पूजा पाल की जान को वाकई खतरा है? यह सभी सवाल अब राजनीतिक संवाद में गूंज रहे हैं।

इस टकराव का भविष्य क्या होगा, यह देखना दिलचस्प रहेगा। समाजवादी पार्टी और पूजा पाल के बीच चल रहा यह संघर्ष आने वाले समय में और भी बड़े राजनीतिक बहस का कारण बन सकता है।

हालिया घटनाक्रम ने यह भी साफ किया है कि राजनीति में व्यक्तिगत प्रतिशोध और द्वेष की सीमाएँ कितनी बढ़ गई हैं। एक तरफ पूजा पाल की जान को लेकर चिंता है, वहीं दूसरी ओर सपा के बचाव प्रयास भी जारी हैं। इस मामले की सच्चाई का पता केवल समय ही बताएगा।

सिर्फ चुनावी राजनीति ही नहीं, बल्क‍ि सामाजिक सुरक्षा के मसले पर भी सपा और अन्य राजनीतिक दलों को गंभीरता से सोचना चाहिए। सही तो यह है कि हर भारतीय नागरिक को अपनी जान और सुरक्षा का अधिकार है।

इस संदर्भ में प्रधानमंत्री से लेकर सभी राजनीतिक नेताओं को सक्रियता से ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे हिंसक घटनाओं से बचा जा सके।

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमारे पोर्टल पर नज़र रखें: Netaa Nagari

-- Team Netaa Nagari, प्रिया शर्मा

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