बाराबंकी: नाबालिग के साथ छेड़छाड़ के मामले में अभियुक्त को मिली 5 साल की कठोर सजा और 10 हजार का जुर्माना

बाराबंकी, अमृत विचार। न्यायालय ने नाबालिग से छेड़छाड़ के प्रकरण में एक अभियुक्त को 5 वर्ष कठोर कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। थाना मसौली पर नाबालिग से छेड़छाड़ के सम्बन्ध में पंजीकृत भादवि व पाक्सो एक्ट से सम्बन्धित अभियुक्त शफाउद्दीन पुत्र सलाउद्दीन निवासी शहाबपुर थाना मसौली को विभिन्न धाराओं में न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट संख्या-44 द्वारा दोषसिद्ध करार दिया गया। कोर्ट ने 5 वर्ष कठोर कारावास व 10 रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। संक्षिप्त विवरण के अनुसार 21 सितंबर 2019 को थाना मसौली क्षेत्रान्तर्गत निवासी एक...

Oct 3, 2025 - 18:37
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बाराबंकी में नाबालिग से छेड़छाड़ का आरोपी कठोर सजा का हकदार

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कम शब्दों में कहें तो, बाराबंकी की एक अदालत ने नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में दोषी को 5 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये का अर्थदण्ड दिया है।

बाराबंकी, अमृत विचार। हाल ही में, बाराबंकी के जिला न्यायालय ने नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में एक अभियुक्त को 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। यह मामला थाना मसौली के अंतर्गत दर्ज किए गए भादवि एवं पॉक्सो एक्ट से संबंधित है। अभियुक्त शफाउद्दीन, सलाउद्दीन का पुत्र और शहाबपुर, थाना मसौली का निवासी है। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट संख्या-44 द्वारा इसको दोष सिद्ध मानते हुए यह सजा सुनाई गई है।

संक्षिप्त विवरण के अनुसार, 21 सितंबर 2019 को थाना मसौली के निवासी एक व्यक्ति ने अपील की थी कि अभियुक्त ने उसकी नाबालिग भतीजी के साथ छेड़छाड़ की है। इस सूचना के आधार पर थाना मसौली में भादवि तथा पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। तत्कालीन विवेचक उपनिरीक्षक अवध बिहारी सिंह ने साक्ष्य संकलन कर वैज्ञानिक आधार पर विवेचना को पूरा करते हुए अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया।

सत्य की जीत: न्यायालय ने दिया कड़ा संदेश

यह निर्णय न केवल पीड़ित के साथ न्याय दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में सुरक्षा की भावना को भी बढ़ाने का कार्य करेगा। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के अपराधों को कम से कम सहन नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में सख्त सजा की आवश्यकता है, ताकि अन्य संभावित अपराधियों को यह अहसास हो सके कि ऐसे कार्यों की भर्त्सना की जाएगी।

गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत भी सुनाई गईं सजाएं

इसी क्रम में, न्यायालय ने गैंगस्टर एक्ट के तहत भी चार अभियुक्तों को सजाएं सुनाई हैं। अपर जिला सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या आठ ने इन्हें साधारण कारावास की सजा दी है। थाना बड्डूपुर पर पंजीकृत गैंगस्टर एक्ट के मामले में महेन्द्र जायसवाल को 2 साल की साधारण सजा और 5 हजार रुपये का अर्थदण्ड सुनाया गया। वहीं, थाना कोठी पर पंजीकृत मामले में निजामुद्दीन, मुस्तकीम, और मैनुद्दीन को 5-5 वर्ष की साधारण कारावास और 10-10 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

इस प्रकार के निर्णय समाज में न्याय स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम ऐसे लोगों को समाज से अलग करें, जो नाबालिगों और महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। नियमानुसार न्याय सुनिश्चित करना ही हमारे समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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नीति के प्रति सजग रहिए और अपने आसपास को सुरक्षित बनाइए।

सादर,
टीम नेटaa नगरी, कविता

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