धराली बादल फटने की खबर: राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राहत और पुनर्वास कार्यों की की समीक्षा
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)ने आईटी पार्क,देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर धराली (उत्तरकाशी) में 5 अगस्त को आई आपदा से जुड़े राहत और बचाव कार्यों एवं प्रभावितों के पुर्नवास हेतु किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत समीक्षा की। राज्यपाल ने ग्राउंड जीरो पर कार्यरत सभी बलों,अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की […] The post Dharali Cloudburst News:-राज्यपाल गुरमीत सिंह ने की राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर धराली में आई आपदा से जुड़े राहत और बचाव कार्यों एवं प्रभावितों के पुर्नवास हेतु किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा appeared first on संवाद जान्हवी.

धराली बादल फटने की खबर: राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राहत और पुनर्वास कार्यों की की समीक्षा
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कम शब्दों में कहें तो, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने 5 अगस्त को धराली (उत्तरकाशी) में आए बादल फटने की आपदा से जुड़े राहत और बचाव कार्यों का निरीक्षण करने के लिए आईटी पार्क, देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया। यह समीक्षा उत्तराखंड के प्रभावित नागरिकों की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
राहत कार्यों की दिशा में सरकारी गंभीरता
राज्यपाल ने इस अवसर पर निर्देश दिया कि ग्राउंड जीरो पर कार्यरत सभी बलों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की जाए। उन्होंने इसे सामूहिक उत्तरदायित्व और टीम भावना का एक अद्वितीय उदाहरण बताया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिशा-निर्देशन की प्रशंसा की, जिन्होंने इस विकट स्थिति को प्रभावशाली ढंग से संभाला। यह स्पष्ट है कि आपदा प्रबंधन में सरकारी गंभीरता और इच्छाशक्ति आवश्यक है।
आपदा प्रबंधन की रणनीतियाँ
रिपोर्टों के अनुसार, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा धराली आपदा की स्थिति को संभालने के लिए सभी विभागों के बीच सह-समन्वय स्थापित किया गया था। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से विभाजनकारी आपदाओं का सामना करता है, जिसके लिए हमारी योजनाओं को लगातार अपडेट किया जाना चाहिए। उन्होंने इस गंभीरता के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस कठिन समय में राज्य को सहायता प्रदान की।
भविष्य की तैयारी और आवश्यक कदम
राज्यपाल ने आपदा प्रतिक्रिया कार्यों का डॉक्यूमेंटेशन और विश्लेषण करने का आदेश दिया, जिससे भविष्य के लिए एक स्पष्ट मार्गदर्शिका तैयार की जा सके। इसके साथ ही, यूएसडीएमए की निश्चित प्रक्रियाओं (एसओपी) को समय-समय पर अपडेट करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने यह भी बताया कि सभी एजेंसियों को 24x7 अलर्ट मोड में रहना होगा, क्योंकि मानसून का मौसम अभी जारी है और इसके साथ नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
मीडिया और विज्ञानियों का योगदान
राज्यपाल ने मीडिया की भूमिका की सराहना की, जिसने सही जानकारी को जनता तक पहुँचाकर अफवाहों से दूर रहने में सहायता की। उन्होंने आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों से भी वर्चुअल संवाद किया, जिससे महत्वपूर्ण अभियानों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की जा सके।
राहत कार्यों में अधिकारियों की मेहनत
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों के 1000 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। प्रतिकूल मौसम के बावजूद, केवल पांच दिनों में 1300 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। राज्यपाल ने इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों की सराहना की और भविष्य में आपदाओं का प्रभावी प्रबंधन करने के दिशा-निर्देश दिए।
आखिरकार, हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए और आपातकालीन प्रबंधन कार्यों में निपुणता हासिल करनी चाहिए। धराली आपदा का अनुभव हमें यह सिखाता है कि सामूहिक प्रयास और सही प्रबंधन से हर समस्या का समाधान संभव है।
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