गौशाला में गौवंश की दुर्दशा: भूख और प्यास से तड़पकर मर रही गायें

रिपोर्ट-हरिपाल सिंह पीलीभीत : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले के ललौरीखेड़ा ब्लॉक स्थित नूरपुर गांव की एक गौशाला इन दिनों मौत की तस्वीर बन चुकी है। गौशाला में भूख-प्यास से दम तोड़ती गायों की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। बेजुबान गायें चारे और पानी के अभाव में एक-एक कर मर रही हैं, … The post गौशाला बनी मौत का अड्डा, भूख-प्यास से तड़प कर दम तोड़ रहीं गायें ! appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

Jul 4, 2025 - 00:37
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गौशाला में गौवंश की दुर्दशा: भूख और प्यास से तड़पकर मर रही गायें
गौशाला बनी मौत का अड्डा, भूख-प्यास से तड़प कर दम तोड़ रहीं गायें !

गौशाला में गौवंश की दुर्दशा: भूख और प्यास से तड़पकर मर रही गायें

रिपोर्ट-हरिपाल सिंह

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले के ललौरीखेड़ा ब्लॉक के नूरपुर गांव की एक गौशाला हाल ही में अव्यवस्था और दुर्दशा के चलते चर्चा का विषय बन गई है। इस गौशाला की स्थितियों का खुलासा कुछ हिंदू संगठनों द्वारा की गई छापेमारी के दौरान हुआ, जब वहां भूख और प्यास से तड़पती गायों की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आईं। गायें बिना चारे और पानी के एक-एक करके दम तोड़ रही हैं, और यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।

हिंदू संगठनों का आक्रोश और कार्रवाई की मांग

छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने वहां आठ गायों को मृत अवस्था में पाया। यह स्पष्ट है कि गौशाला में गायों की पर्याप्त देखभाल नहीं की जा रही है। हिंदू संगठनों ने इस मामले में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तुरंत जांच की मांग की है। उनके अनुसार, यह गौशाला अब बेजुबान गायों के लिए मौत का स्थल बन चुकी है।

गायों की दुर्दशा

कंकालों की बर्बरता और तस्करी की आशंका

गौशाला की सच्चाई को उजागर करते हुए, छापेमारी दल ने दो बड़े बोरे गायों के कंकालों से भरे पाए। गौशाला के पीछे एक खुले जगह में कई गायों के कंकाल और खाल के टुकड़े मिले, जिसने तस्करी की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां गायों का शिकार किया जा रहा है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

अव्यवस्था की स्थिति

गौशाला की भीतरी स्थिति अत्यंत भयावह है; जगह-जगह गंदगी, कीचड़ और अव्यवस्था का आलम है। कई मरणासन्न गायों को कीचड़ में तड़पते देखा गया। यह स्पष्ट है कि यहां न तो सही देखभाल की जा रही है और न ही प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की निगरानी हो रही है। ऐसे खतरनाक हालात में, गायों की मृत्युदर में तेजी आ रही है।

गौशाला के हालात

प्रशासन पर उठते सवाल

गायों की इस दुर्दशा पर प्रशासन को कड़े सवालों का सामना करना पड़ रहा है। क्या सरकार इस पर सख्त कदम उठाएगी? क्या इस मामले में जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा? यह एक बड़ा सवाल है। हिंदू संगठनों ने शासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। गौशालाएं जहां भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गायों की सेवा के प्रतीक मानी जाती हैं, वहीं ऐसी घटनाएं प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती हैं।

निष्कर्ष

गौशालाएं भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा हैं, लेकिन जब इनकी स्थिति ऐसी होती है तो यह समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन जाती है। हमें चाहिए कि हम दोषियों की पहचान करें और इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाएं। यदि इस स्थिति का तत्काल समाधान नहीं निकाला गया, तो आने वाले समय में हमें और भी बेजुबान जीवों की ऐसी ही दुर्दशा का सामना करना पड़ेगा।

यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर गहन विचार करने की आवश्यकता है। सभी को इस मामले में आवाज उठानी चाहिए और प्रशासन के खिलाफ संघर्ष करना चाहिए।

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टीम नेटाणागरी - राधिका तिवारी

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