उत्तराखंड साहित्य की दुनिया में नई दिशा: दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित हुए प्रमुख साहित्यकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड भाषा संस्थान के माध्यम से राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित,संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस कार्य कर रही है। सरकार स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए भी सतत प्रयास कर रही हैं,ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपनी समृद्ध भाषायी विरासत से […] The post UTTARAKHAND:-शैलेश मटियानी,गिरीश तिवारी,शेरदा अनपढ़,हीरा सिंह राणा,सोमवारी लाल उनियाल व अतुल शर्मा को उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान appeared first on संवाद जान्हवी.

Sep 15, 2025 - 18:37
 108  18.2k
उत्तराखंड साहित्य की दुनिया में नई दिशा: दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित हुए प्रमुख साहित्यकार
उत्तराखंड साहित्य की दुनिया में नई दिशा: दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित हुए प्रमुख साहित्यकार

उत्तराखंड साहित्य की दुनिया में नई दिशा: दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित हुए प्रमुख साहित्यकार

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari

कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के प्रमुख साहित्यकारों को दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से नवाजा है और राज्य सरकार द्वारा साहित्य को संरक्षित करने के ठोस उपायों की जानकारी दी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान समारोह’ में प्रतिभाग किया। इस समारोह में उन्होंने साहित्यकारों, कवियों और भाषा प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने साहित्यिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए संकल्पित है।

साहित्यकारों का सम्मान

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समर्पित साहित्यकारों की सराहना की और कहा कि उनको शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़ और हीरा सिंह राणा जैसे प्रमुख साहित्यकारों को मरणोपरांत सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही, सोमवारी लाल उनियाल और अतुल शर्मा को भी यह सम्मान दिया गया।

सरकार की ठोस पहलें

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार उत्ताराखंड भाषा संस्थान के माध्यम से साहित्य को संरक्षित करने, संकलित करने और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपनी साहित्यिक विरासत से जुड़ी रहें।

  • दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान के अंतर्गत साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों को ₹5 लाख की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
  • राज्य सरकार द्वारा साहित्यकारों को ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान’, ‘साहित्य भूषण’, ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ जैसे पुरस्कारों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • सरकार द्वारा दो साहित्य ग्रामों की स्थापना की जाएगी।
  • उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

संस्कार और परंपरा का महत्व

मुख्यमंत्री धामी ने हिंदी को आत्मा की अभिव्यक्ति और साहित्य को समाज का दर्पण बताया। उन्होंने कहा कि साहित्यकार समाज की संवेदनाओं के सचेत मार्गदर्शक होते हैं। यह बात उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कवियों और रचनाकारों की भूमिका को प्रकाश में लाकर प्रस्तुत की।

उन्होंने उध्दरण देते हुए कहा कि साहित्य समाज को नई दिशा देने का काम करता है और सकारात्मक परिवर्तन का संचार करता है। उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक परंपरा का उल्लेख करते हुए, उन्होंने यहाँ के महान साहित्यकारों का स्मरण किया, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।

भाषाई विविधता का संरक्षण

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी स्तर पर साहित्य और कला के क्षेत्रों में निरंतर प्रयास जारी हैं। पिछले कुछ वर्षों में 62 साहित्यकारों को उनके साहित्यिक कार्यों के लिए अनुदान प्रदान किया गया है। इस वर्ष, पुस्तक प्रकाशन के प्रोत्साहन हेतु 25 लाख रुपये के विशेष बजट का प्रावधान भी किया गया है।

उनका कहना है कि भारत का साहित्य अपनी वैचारिक संपन्नता के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है, लेकिन कई साहित्यिक विरासतें पहले उपेक्षित रहीं। अब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, देश की साहित्यिक पहचान को नई दिशा और सम्मान मिल रहा है।

समारोह में हुए विकास की घोषणाएँ

मुख्यमंत्री धामी ने समारोह के दौरान यह भी बताया कि रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से 100 से अधिक युवा रचनाकारों को पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने सभी साहित्यकारों और कवियों से अपील की कि वे अपनी रचनात्मकता से उत्तराखंड और भारत की साहित्यिक-सांस्कृतिक विरासत को और अधिक समृद्ध बनाएं।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, सचिव नीरज खैरवाल, भाषा संस्थान की निदेशक जसविंदर कौर व प्रदेश के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

साहित्य की इस अनोखी यात्रा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को उनके योगदान के लिए बधाई देते हैं। आगे बढ़ते रहिए हमारे साथ अधिक अपडेट्स के लिए Netaa Nagari पर।

धन्यवाद,

Team Netaa Nagari, प्रियंका शर्मा

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow