नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता पूजा: मां स्कंदमाता का महत्व और पूजा विधि

Navratri 5th Day: शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप यानी की मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है…आज के दिन मां को विशेष भोग लगाया जाता है…और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है…. आज नवरात्रि का पांचवां दिन है, जिसे मां स्कंदमाता के रूप में पूजा जाता है। मां स्कंदमाता नौ … The post Navratri 5th Day Maa Skandmata Puja: मां स्कंदमाता को माना जाता है माता और पुत्र के प्रेम का प्रतीक,जानिए पूजा विधि appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

Sep 26, 2025 - 09:37
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नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता पूजा: मां स्कंदमाता का महत्व और पूजा विधि
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता पूजा: मां स्कंदमाता का महत्व और पूजा विधि

नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता पूजा: मां स्कंदमाता का महत्व और पूजा विधि

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कम शब्दों में कहें तो नवरात्रि के इस खास दिन, भक्त मां स्कंदमाता की भक्ति और पूजा करते हैं। यह दिन मां और पुत्र के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। आइए, जानें पूजा विधि और मां की विशेष महिमा।

नवरात्रि 5th Day: शारदीय नवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर, भक्त मां दुर्गा के पंचम स्वरूप, मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं। आज के दिन मां को विशेष भोग अर्पित किया जाता है, जिसके माध्यम से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

मां स्कंदमाता का स्थान देवी के नौ स्वरूपों में से एक है, जिन्हें मातृत्व और पुत्र प्रेम का प्रतीक माना जाता है। मां की गोद में उनके पुत्र स्कंद देव विराजमान हैं, और इसी कारण से इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। मां की पूजा का यह दिन विशेष रूप से संतान सुख के लिए महत्वपूर्ण है।

आज के दिन, पूजा स्थल को पीले वस्त्रों से सजाना आवश्यक है। कहते हैं कि केले और मखाने से बना भोग चढ़ाना विशेष फलदायी होता है। इससे मां की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के मन में प्रसन्नता बनी रहती है।

पूजा विधि

मां की उपासना के लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जाना चाहिए:

  • प्रस्तुति: सबसे पहले मां की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थल पर स्थापित करें जहाँ कलश की स्थापना की गई थी।
  • भोग हेतु अर्पण: मां को फूल, फल और मिठाइयाँ अर्पित करें।
  • आरती: धूप और दीप जलाकर मां की आरती करें। इस प्रकार की पूजा से मां की कृपा प्राप्त होती है।

मां स्कंदमाता का स्वरूप अद्भुत और दिव्य है। उन्हें कमल पर विराजमान दिखाया गया है और उनका वाहन सिंह है। उनकी उपासना से न केवल संतान सुख में वृद्धि होती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। इस दिन, मां का मंत्र “सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥” का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

पूजा की प्रक्रिया

आइए जानें पूजा का विस्तृत क्रम:

  • स्नान और शुद्धिकरण: सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • प्रतिमा की स्थापना: पूजा स्थल पर मां स्कंदमाता की मूर्ति को स्थापित करें। गंगाजल से स्नान कराएं और षोडशोपचार पूजा करें।
  • भोग अर्पण: कमल के फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • मंत्र जाप: “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें।
  • आरती: मां की आरती करें और दुर्गासप्तशती या देवी कवच का पाठ करें।

आज का दिन मां स्कंदमाता की भक्ति से शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने का अवसर है। इस नवरात्रि के पांचवे दिन मां की कृपा से जीवन में खुशियों और समृद्धि का संचार होगा।

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सादर,
टीम नेत नागरी
सुषमा

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