दून विश्वविद्यालय में डॉ.आर.एस.टोलिया राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता 2025 का सफल आयोजन

दून विश्वविद्यालय के नित्यानंद हॉल में शुक्रवार को डॉ.आर.एस.टोलिया राज्य स्तरीय सूचना का अधिकार अधिनियम वाद-विवाद प्रतियोगिता २०२५ का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड सूचना आयोग,उत्तराखंड शासन ने विश्वविद्यालय के वाद-विवाद क्लब ‘वात्सल्य’के सहयोग से किया। इस वर्ष की प्रतियोगिता का विषय “आरटीआई ने सरकारी विभागों में प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने […] The post Dehradun:-दून विश्वविद्यालय में आयोजित डॉ.आर.एस.टोलिया राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता-2025 सम्पन्न appeared first on संवाद जान्हवी.

Oct 6, 2025 - 18:37
 146  12.6k
दून विश्वविद्यालय में डॉ.आर.एस.टोलिया राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता 2025 का सफल आयोजन
दून विश्वविद्यालय में डॉ.आर.एस.टोलिया राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता 2025 का सफल आयोजन

दून विश्वविद्यालय में डॉ.आर.एस.टोलिया राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता 2025 का सफल आयोजन

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari

कम शब्दों में कहें तो, दून विश्वविद्यालय के नित्यानंद हॉल में शुक्रवार को डॉ.आर.एस.टोलिया राज्य स्तरीय सूचना का अधिकार अधिनियम वाद-विवाद प्रतियोगिता 2025 का सफल आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने आरटीआई से संबंधित विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जो मीडिया और समाज में खासा दिलचस्पी का विषय बन गया है। यह कार्यक्रम उत्तराखंड सूचना आयोग और उत्तराखंड शासन द्वारा विश्वविद्यालय के वाद-विवाद क्लब ‘वात्सल्य’ के सहयोग से आयोजित किया गया।

प्रतियोगिता का उद्घाटन डॉ.चेतना पोखरियाल (एसोसिएट प्रोफेसर, डीन इंचार्ज एवं विभागाध्यक्ष) ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर राजनैतिक और शैक्षणिक क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थित थे, जिनमें प्रख्यात वकील एवं लेखक अजय जुगलान, डॉ.रीना उनियाल तिवारी, डॉ.कंचन नेगी, दलिप सिंह कुंवर, रज़ा अब्बास और उप कुलसचिव युक्ता मैम शामिल थे।

दून विश्वविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता

इस वर्ष की प्रतियोगिता का विषय था "आरटीआई ने सरकारी विभागों में प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने में मदद की है," जिस पर प्रतिभागियों ने अपने तर्क प्रस्तुत किए। प्रतियोगिता का आयोजन दो चरणों में आयोजित किया गया। पहले चरण में 12 प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये और फिर सर्वश्रेष्ठ 12 चयनित प्रतिभागियों को अंतिम चरण में जाने का मौका मिला, जहां उन्होंने तीन मिनट में अपने तर्क रखे।

प्रतिभागियों ने आरटीआई की भूमिका पर सारगर्भित विचार रखे। कुछ प्रतिभागियों ने तर्क दिया कि “आरटीआई से सरकारी योजनाओं जैसी जानकारी मिलती है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है और नागरिक सशक्त होते हैं।” वहीं कुछ ने कहा कि “आरटीआई के जरिए शिकायतों का निपटारा समय पर नहीं होता और इससे नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।” इस दौरान दर्शकों ने ताली बजाकर अपने उत्साह का इजहार किया।

दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने प्रतिभागियों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि विजेताओं का चयन करना अत्यंत कठिन था। मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने भी प्रतियोगिता की सराहना की और कहा कि आरटीआई लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। निर्णायक मंडल के सदस्यों ने भी प्रतिभागियों की भाषा और तार्किकता की तारीफ की।

प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे:

  • प्रथम स्थान: अभिनव त्रिपाठी, डीएसपी केवी नैनिताल (धनराशि 10,000)
  • द्वितीय स्थान: रेखा पंवार, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज (धनराशि 7,500)
  • तृतीय स्थान: स्वाति, सिद्धार्थ लॉ कॉलेज (धनराशि 5,000)
  • विशेष पुरस्कार: शिव्या, दून विश्वविद्यालय (धनराशि 5,000)

सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का पुरस्कार दून विश्वविद्यालय और उत्तरांचल विश्वविद्यालय के बीच संयुक्त रूप से दिया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। इस प्रतियोगिता ने छात्रों में सूचना का अधिकार अधिनियम की उपयोगिता और सरकारी पारदर्शिता की आवश्यकता को गहराई से रेखांकित किया।

इस तरह से, दून विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया, जो न केवल छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत है, बल्कि समाज में सूचना के अधिकार की जागरूकता के लिए भी आवश्यक है।

सभी पाठकगण, इस प्रकार की और जानकारियों के लिए कृपया हमारी वेबसाइट पर विजिट करें: https://netaanagari.com.

इस समाचार को प्रस्तुत किया है, अनु कुमारी, टीम Netaa Nagari

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow