बर्न यूनिट की नहीं ली गई NOC... बज रही टाइल्स, हैलट अस्पताल में शोपीस बने फायर के उपकरण
कानपुर, अमृत विचार। दीपावली नजदीक है, शहर में एक विस्फोट और एक अग्निकांड हो चुका है, लेकिन राज्य निर्माण कंपनी हैलट अस्पताल में बर्न यूनिट का सही तरह से निर्माण नहीं कर सकी है। यहां तक की अभी फायर की एनओसी नहीं ली है, फायर के उपकरण शोपीस बने लगे हुए है, सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं और कई टाइल्स टूटी व पोली हैं। बावजूद इसके निर्माण कंपनी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगा रहा है कि बर्न यूनिट हैंड ओवर नहीं ली जा रही है। दीपावली का त्योहार से पहले बर्न यूनिट का संचालन हो...

2.jpg)
कानपुर, अमृत विचार। दीपावली नजदीक है, शहर में एक विस्फोट और एक अग्निकांड हो चुका है, लेकिन राज्य निर्माण कंपनी हैलट अस्पताल में बर्न यूनिट का सही तरह से निर्माण नहीं कर सकी है। यहां तक की अभी फायर की एनओसी नहीं ली है, फायर के उपकरण शोपीस बने लगे हुए है, सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं और कई टाइल्स टूटी व पोली हैं। बावजूद इसके निर्माण कंपनी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगा रहा है कि बर्न यूनिट हैंड ओवर नहीं ली जा रही है।
दीपावली का त्योहार से पहले बर्न यूनिट का संचालन हो सके, इसलिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला, हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके सिंह और कैंपस प्रभारी डॉ.अनुराग रजौरिया ने बर्न यूनिट का बीते दिनों निरीक्षण किया था, जिसमे कई अनियमितताएं मिलीं और मानक के तहत अधिकारियों को कार्य यहां पर नहीं मिला। प्राचार्य प्रो.संजय काला के मुताबिक निर्माण कंपनी कॉलेज प्रशासन से बर्न यूनिट टेक ओवर की बात कह रही है, लेकिन जब निर्माण कार्यों का मौके पर जायजा लिया गया तो कार्य अधूरे और मानक के तहत नहीं पाए गए। यहां पर सबसे पहले पर टाइल्स देखी गई तो एक ही कमरे में तीन अलग-अलग तरह की टाइल्स लगी मिली, जिनमे मजबूती नहीं थी।
हल्का सा उसे हाथ से ठोकने पर वह बज रही है। वार्ड में नीचे की टाइल्स जब चेक की तो वह उखड़ गई, जो घटिया निर्माण की ओर इशारा कर रही है। एग्जॉज फैंस के पास टाइल्स टूटी लगी मिली और बड़ा सा छेद दीवार में मिला। बाथरूम का फ्लस जाम था। जगह-जगह गड्ढें थे, जिनमे बिजली के तार बाहर की ओर नजर आ रहे थे। वहीं, जिन जगहों पर पहले गड्ढें थे, उनको सीमेंट से बंद करने बजाए वहां पर पुट्टी भर दी गई।
बिजली का कनेक्शन नहीं है और कंपनी की ओर से फायर विभाग से एनओसी तक नहीं ली गई। साथ ही अन्य खामियां भी मिली हैं। प्राचार्य ने बताया कि इस संबंध में राज्य निर्माण कंपनी के अभियंता और किए गए कार्यों के खिलाफ मुख्यालय में पत्र भेजा गया है। ताकि जल्द से जल्द सुधार कार्य हो और बर्न यूनिट हैंड ओवर लेकर उसका संचालन शुरू किया जा सके।
17 से 18 जिलों से आते है मरीज
हैलट अस्पताल में शहर के साथ ही कन्नौज, फर्रुखाबाद, उन्नाव, कानपुर देहात, औरैया, फतेहपुर, हमीरपुर, बांदा, महोबा समेत 17 से 18 जिलों से इलाज के लिए पहुंचते हैं। दीपावली के त्योहार पर आग लगने की घटना होने की आशंका काफी अधिक रहती है। कई बार कुछ जगहों पर आग लगने की वजह से लोग झुलस तक जाते हैं, ऐसे में जानकारी के अभाव में वह हैलट अस्पताल पहुंचते हैं, यहां पर प्राथमिक उपचार मिलता है, लेकिन बर्न यूनिट नहीं होने से गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल उर्सला या लखनऊ ले जाने की सलाह शामिल दी जा रही है।
ये भी पढ़े :
करवाचौथ पर कोहराम: पत्नी से अनबन, पति ने लगाई फांसी...परिजनों में मचा कोहराम, पुलिस ने की जांच
What's Your Reaction?






