हरेला पर्व पर एसजीआरआर विश्वविद्यालय में चला विशेष पौधारोपण अभियान
देहरादून: उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति प्रेम के प्रतीक हरेला पर्व के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू), देहरादून में हरेला पर्व को पूरे उत्साह के साथ… Source Link: हरेला पर्व पर एसजीआरआर विश्वविद्यालय में चला विशेष पौधारोपण अभियान

हरेला पर्व पर एसजीआरआर विश्वविद्यालय में चला विशेष पौधारोपण अभियान
देहरादून: उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति प्रेम के प्रतीक हरेला पर्व के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू), देहरादून में हरेला पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के एनएसएस विंग द्वारा विशेष पौधारोपण अभियान का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य प्रकृति संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देना रहा।
पौधारोपण अभियान का उद्देश्य
यह पौधारोपण अभियान दो प्रमुख स्थलों विश्वविद्यालय के कृषि क्षेत्र, पथरीबाग कैंपस और मातावाला बाग में संपन्न हुआ। इसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, फैकल्टी सदस्यों, एनएसएस समन्वयकों, डीन एवं निदेशकों, मुख्य प्रॉक्टर तथा अन्य अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने मिलकर विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए और हरेला पर्व को प्रकृति से जुड़ाव के रूप में मनाया।
कार्यक्रम में भागीदारों की भूमिका
कृषि संकायाध्यक्ष डॉ. कमला ध्यानी, डॉ. नवीन गौरव, श्री रवींद्र कुमार सहित बालक एवं बालिका दोनों विंगों के एनसीसी एएनओ ने इस अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम का उद्देश्य केवल पौधारोपण करना ही नहीं था, बल्कि छात्रों और समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना विकसित करना भी था।
환경ीय जागरूकता का संदेश
विश्वविद्यालय की यह हरित पहल न केवल हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह एसजीआरआरयू की स्थिरता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। हरेला पर्व के इस अवसर पर एसजीआरआर विश्वविद्यालय का यह प्रयास पर्यावरण के प्रति एक प्रेरणादायक संदेश बनकर सामने आया है। ऐसे अभियानों से छात्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है, जो एक स्वस्थ और हरित भविष्य की ओर प्रेरित करता है।
उपसंहार
इस प्रकार, एसजीआरआर विश्वविद्यालय में हरेला पर्व के अवसर पर किया गया पौधारोपण अभियान न केवल एक पारंपरिक उत्सव है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। विश्वविद्यालय का यह प्रयास छात्रों और समाज को प्रेरित करता है कि वे अपने पर्यावरण की देखभाल करें। ऐसे सक्रिय अभियानों की और आवश्यकता है, ताकि हम सभी मिलकर अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकें।
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Written by: टीम नेटानागरी
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